कृपा शंकर चौधरी ब्यूरो गोरखपुर
गोरखपुर। क्या सरकारी महकमे के जिम्मेदार अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं। जी अभी स्वास्थ्य विभाग में भारी अनियमितता का मामला थमा भी नहीं कि गोरखपुर के कमिश्नर के आदेशों का उल्लंघन होना प्रकाश में आया है।
दरअसल आरटीओ कार्यालय गोरखपुर जो अक्सर भ्रष्टाचार के लिए विवादित रहता है वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश भी इनके लिए कोई मायने नहीं रखता।
मामला कमिश्नर गोरखपुर के आदेश का है जिसका पालन आरटीओ गोरखपुर ने एक महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी नहीं किया।
बताते चलें कि आरटीआई के तहत एक आवेदन जितेन्द्र कुमार ने कमिश्नर गोरखपुर से किया जिसे आरटीओ कार्यालय से सम्बन्धित होने के कारण कमिश्नर गोरखपुर कार्यालय ने अपने पत्रांक संख्या 1572/पन्द्रह-03 (2021-22) जनसूचना पटल दिनांक 26-05-2022 व
पत्रांक संख्या 1573/पन्द्रह-03 (2021-22) जनसूचना पटल दिनांक 26-05-2022 के माध्यम से सम्भागीय परिवहन अधिकारी गोरखपुर को आवेदक की सूचना एक सप्ताह में देने का निर्देश दिया जिसे आरटीओ गोरखपुर ने रद्दी में डाल दिया है।
वैसे तो यह पहला मामला नहीं है ऐसे तमाम मामले हैं जिसे आरटीओ कार्यालय के अफसर रद्दी में डाल कर गहरी नींद सो लेते हैं।
फिलहाल आवेदक का कहना है कि वह इस मामले की शिकायत उच्च स्तर पर करेंगे।
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