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जयगुरुदेव सत्संग में कहा गया "सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है "

जयगुरुदेव सत्संग में कहा गया "सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है "

ब्यूरो गोरखपुर 

पिपराइच/मांगापट्टी (गोरखपुर) 31 मई। शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, भगवान की भक्ति करने, सामाजिक समरसता का सन्देश देते हुये जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज जी महाराज अपनी 27 दिवसीय जनजागरण यात्रा के साथ विकास खण्ड पिपराइच के गांव मांगापट्टी पहुंचे। यहां  अप. 3 बजे से आयेाजित सत्संग समारोह में अपने प्रवचन में कहा सन्तों महात्माओं के सत्संग में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म की आलोचना नहीं की जाती है बल्कि यहां तो भगवान की भक्ति का प्रेम, प्यार, श्रद्धा पैदा की जाती है। सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है।

कलियुग में मनुश्य की आयु, षारीरिक बल, मन और प्राणों की स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन हो गया, इसलिये पहले के युगों की साधना सम्भव नहीं है। प्रभु की सबसे बड़ी दया हुई कि कलियुग में सन्तोें को भेजा और उन्होंने षब्द (नाम) का रास्ता जारी किया जो गृहस्थ आश्रम में रहकर आसानी से किया जा सकता है। षरीर में आत्मा दोनों ऑखों के मध्य में विराजमान है उसमें परासृश्टि यानि देवी-देवताओं, ईष्वर-ब्रह्म आदि लोकों को देखने की दिव्य ऑख (तीसरा नेत्र)। प्रभु के देष से आ रही आकाषवाणी जिस पर आत्मायें उतारकर लायी गयीं, सुनने का दिव्य कान यानि तीसरा कान है। सन्त पंकज जी ने प्रष्न करते हुये कहा कि क्या आपको मालूम है कि जन्म लेने से पहले आप कहॉ थे? मृत्यु के बाद आप कहॉ जायेंगे? हमारे नाते रिष्तेदार व अन्य लोग कहॉ जा रहे हैं? उनकी क्या दषा होती है? यह मानव जीवन का जटिल प्रष्न है। इस पर सभी को विचार करना चाहिये। यह सन्त सत्गुरुओं के आध्यात्मिक विज्ञान का गूढ़ रहस्य है। ये प्रष्न तब तक हल नहीं होंगे जब तक उस प्रभु की प्राप्ति वाले सन्त महात्मा नहीं मिलेंगे। पैदा होने से पहले हम सबने भगवान के भजन का वादा किया था लेकिन यहॉ आकर वादे को भूल गये और षराबों-कबाबों व ऐषो-इषरत में सुख ढूँढ़ने लगे। चरित्र पतन जैसे कार्यों को करते हुये सुख कैसे मिलेगा? इसलिए आप सब पहले इन्सान बनें, मानवतावादी बनें, निःस्वार्थ भाव से एक दूसरे की सेवा करें। महापुरुश जो दया का प्रसाद दें उसे लेकर आत्मा का कल्याण करें।

वर्तमान में युवाओं के अन्धकार मय भविष्य को लेकर भी महाराज जी ने बड़ी चिन्ता जताई और कहा कि ये युवा पीढ़ी देश का भविष्य हैं, देश की धरोहर हैं। इनको डिग्री के साथ अच्छे संस्कार की भी जरूरत है। इसी के अभाव में घर बंट गया, खेती बंट गई, जर-जमीन बंट गई, अरे और कहां तक कहूं यहां तक कि मां, बाप भी बंट गये। कहते हैं कि दस दिन तुम खिलाओ और दस दिन बाद हमारे पास छोड देना। संस्कार पड़ेंगे महात्माओं के सत्संग व उनके सत वचनों से। आप बच्चों को भी सत्संग में लायें। उनको शाकाहारी बनाओ, उनको सदाचारी बनाओ। तभी संस्कार जगेगा। वे आप का और देश का नाम रोशन करेंगे। हम सभी समाजसेवियों, धार्मिक लोगों, बुद्धिजीवियों से अपील करते हैं कि लोगों को शाकाहारी-सदाचारी बनायें तथा शराब जैसे दुर्व्यसन से मुक्त करके अच्छे समाज के निर्माण में सहयोग करें।

उन्होंने याद कराते हुये कहा कि हमारे गुरू महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने आवाज लगाई कि ऐ इंसानों! तुम अपने दीन ईमान पर वापस आ जाओ और इस मनुश्य मन्दिर में बैठकर प्रभु की सच्ची पूजा करो, जिस्मानी मस्जिद में बैठकर खुदा की इबादत करो ताकि तुम्हारी आत्मा, रूह दोजखों-नर्कों में जाने से बच जाय। उन्होंने ‘‘तिल भर मच्छी खाइ के, कोटि गऊ दे दान। काषी करवट ले मरै, निष्चय नरक निदान।।’’ पंक्तियों को उद्धृत करते हुये कहा कि अषुद्ध खान-पान और षराब जैसे नषों के सेवन से समाज में हिंसा-अपराध व्याप्त है। युवा पीढ़ी नषे की गिरफ्त में आती जा रही है। समाज के सभी प्रबुद्ध जनों व समाज सेवियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाये और अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें, स्वयं षाकाहारी बनें व नषों का त्याग करें। यह आपकी बहुत बड़ी सेवा होगी।

संस्थाध्यक्ष ने आगामी 1 से 5 जुलाई तक मथुरा में होने वाले गुरुपूर्णिमा पर्व पर पधारने के लिये सभी वर्ग के लोगों को सादर आमन्त्रण भी दिया। उन्होंने बताया आगरा-दिल्ली बाईपास, रोड, मथुरा में बरदानी जयगुरुदेव मन्दिर की चर्चा करते हुये कहा यहाँ एक बुराई चढ़ाने पर एक मनोकामना की पूर्ति होती है। इसी प्रकार जयगुरुदेव जन्मभूमि खितौरा जिला-इटावा में भव्य मन्दिर बना है। जहाँ सभी जाति धर्म के लोग आते हैं। 

इस अवसर पर गोरखपुर संगत के जिलाध्यक्ष जयराम मास्टर, ब्लाकध्यक्ष पिपराइच बलराम शंकर पटेल, रामनरेश, जनार्दन चौधरी, प्रधान राजेश, प्रधान चुगीलाल, आनन्दशाही, राजेश कनौजिया, जयप्रकाश यादव, राम अवध चौधरी, जवाहर लाल, उमेश गुप्ता, रामश्री चौहान, राम प्रताप सिंह, रामकिशुन साहनी, भीम सिंह, सहयोगी संगत कुशीनगर के अध्यक्ष संवरू चौधरी तथा संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, मथुरा आश्रम के प्रबन्धक व प्रा.अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, बिहार प्रदेश के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, म.प्र. के महासचिव बी.बी. दोहरे, उपदेशक डा. कुँवर बृजेश आदि उपस्थित रहे। सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव राजकीय कृषि भण्डार के पास खोराबार के लिये प्रस्थान कर गई। यहां कल (आज) प्रातः 11 बजे से सत्संग समारोह आयोजित है।




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