चीफ रिपोटर up -चन्द्र मोहन तिवारी
राष्ट्रीय लोकदल द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश में आज बकाया गन्ना मूल्य का ब्याज सहित भुगतान तथा मिलों को शीघ्र चालू कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्षन किया गया वहीं राजधानी लखनऊ में गन्ना आयुक्त कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्षन कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अपर गन्ना आयुक्त को सौंपा।
रालोद कार्यकर्ताओं ने गन्ना आयुक्त कार्यालय पर बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करों तथा मिलों को शीघ्र चालू करों जैसे नारे लगाये और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोष जताया। धरने को मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासचिव वंषनारायन सिंह पटेल एवं शिवकरन सिंह तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने भी सम्बोधित किया।
धरने को सम्बोधित करते हुये प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि गन्ना किसान सरकार की अनदेखी के कारण आज समस्याओं के भवंर मे फंसकर निराश और हताश है। विगत वर्ष का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से अपने सरकारी देय, यथा-बिजली बिल, फसली ऋण (बैंक और सहकारी समिति द्वारा लिया क्राप लोन) आदि चुकाने मे असमर्थ किसान को सरकारी अमला लगातार परेशान कर रहा है। धरने का संचालन प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने किया।
ज्ञापन में रालोद नेताओं द्वारा मांग की कि 15 अक्टूबर से शुगर मिल चलाने की घोषणा के बाद भी आज तक न चलने वाली शुगर मिल तुरन्त चालू कराई जाएं, प्रदेश सरकार द्वारा शुगर मिलों पर माफ किए ब्याज रू 2000/-करोड का भुगतान भी माननीय उच्च न्यायालय के आदेश मार्च 2018 के अनुसार किसानो को बकाया गन्ना मूल्य सहित तुरन्त कराया जाए, गन्ना की फसल में बीमारी लगने से गत वर्ष की तुलना में गन्ना की पैदावार लगभग 15-20 प्रतिषत कम है जिसके कारण किसानों को भारी आर्थिक क्षति हुयी है
वहीं दूसरी ओर डीजल, उर्वरक, कीटनाषक, बीज, विद्युत दर, कृषि उपकरण आदि की कीमतों में वृद्वि को ध्यान में रखते हुये गन्ना का लाभकारी राज्यपरामर्षी मूल्य घोषित किया जाय, मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेषानुसार चीनी पर पहला हक किसान का बताया गया है चीनी विक्रय मूल्य व चीनी मिलों द्वारा गन्ने से तैयार किये जा रहे समस्त उत्पाद जैसे शीरा ऐथनाल, मदिरा, कैमिकल, बिजली, खोई, मैली आदि की बिक्री से प्राप्त समस्त धन का 100 प्रतिषत उपयोग किसानों के बकाया गन्ना भुगतान में ही किया जाय, आगामी पेराई सञ 2018-2019 मे किसानों को नियमानुसार 14 दिन मे भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जाए, वर्तमान वर्ष से लागू सहकारी समिति द्वारा गन्ना पर्ची वितरण मे गडबडी रोकने के लिए गन्ना विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए, वर्तमान वर्ष मे लागू नए नियम यथा खसरा/खतौनी की नकल, आधार कार्ड आदि से किसान परेशान है।
अतः सहकारी समिति मे पंजीकृत पुराने किसानों को अनावश्यक रूप से उत्पीडि़त न किया जाए, गन्ना क्रय केंद्र से खरीदे गए गन्ने की उठान उसी दिन करा ली जाए ताकि अगले दिन की गन्ना तुलाई मे किसानों को समस्या न हो, क्रय केन्द्रों पर गन्ना तुलाई मे कांटे पर होने वाली घटतौली पर लगाम कसी जाए, गन्ना खरीद पर्ची जारी होने के बाद किसानों को गन्ना सप्लाई के लिए दिया समय 72 घंटे (तीन दिन) से बढ़ाकर एक सप्ताह किया जाए तथा बुजुर्ग/अशक्त किसानों के स्थान पर समस्त कार्यवाही के लिए उसके पुत्र/पुत्री आदि को नामांकित करने की व्यवस्था की जाए।
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