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स्लिप डिस्क क्या है? इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

स्लिप डिस्क क्या है? इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

आज की सिडेंटरी लाइफस्टाइल, घंटों बैठकर काम करने की आदत और शारीरिक गतिविधियों की कमी से कई लोग स्पाइनल प्रॉब्लम्स का सामना कर रहे हैं। इनमें से एक आम समस्या स्लिप डिस्क (Slip Disc) है, जो रीढ़ की हड्डी (Spine) में आई गड़बड़ी के कारण होती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह तीव्र दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं स्लिप डिस्क के कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपाय

स्लिप डिस्क क्या है?

हमारी रीढ़ की हड्डी (Spine) कई छोटी-छोटी हड्डियों (Vertebrae) से बनी होती है, जिनके बीच में नरम डिस्क (Cushion-like Disc) मौजूद होती हैं। ये डिस्क झटकों को एब्जॉर्ब करने और रीढ़ की लचीलापन बनाए रखने का काम करती हैं। जब कोई डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है या फट जाती है, तो इसे स्लिप डिस्क कहा जाता है। इससे नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे पीठ, गर्दन या पैरों में तेज दर्द हो सकता है।

स्लिप डिस्क होने के कारण

सिडेंटरी लाइफस्टाइल: लगातार लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है।
अचानक झटका या भारी वजन उठाना: गलत तरीके से भारी सामान उठाने से डिस्क खिसक सकती है।
बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर होती हैं और डिस्क में मौजूद तरल पदार्थ कम हो जाता है।
स्मोकिंग: धूम्रपान से रीढ़ की हड्डी तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे डिस्क कमजोर हो जाती है।
मोटापा: ज्यादा वजन होने से रीढ़ पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे डिस्क डैमेज हो सकती है।

स्लिप डिस्क के लक्षण

📌 पीठ या गर्दन में तेज दर्द जो बढ़ता जाता है।
📌 हाथों और पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होना।
📌 दर्द के कारण चलने-फिरने में दिक्कत आना।
📌 लंबे समय तक एक जगह बैठने में परेशानी होना।
📌 कमर से लेकर पैरों तक दर्द फैलना (Sciatica pain)।

स्लिप डिस्क से बचाव के उपाय

रेगुलर एक्सरसाइज करें: खासकर योग, स्ट्रेचिंग और हल्की एक्सरसाइज से रीढ़ मजबूत बनी रहती है।
सही पोस्चर अपनाएं: लंबे समय तक झुककर या गलत तरीके से न बैठें।
वजन को नियंत्रित रखें: मोटापे से बचें, क्योंकि यह रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
धूम्रपान से बचें: स्मोकिंग छोड़ने से हड्डियों और मांसपेशियों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
भारी सामान उठाते समय सावधानी बरतें: हमेशा घुटनों को मोड़कर वजन उठाएं, सीधा झुकने से बचें।
आरामदायक गद्दे और कुर्सी चुनें: हार्ड या सॉफ्ट गद्दों की बजाय मीडियम-फर्म गद्दे का इस्तेमाल करें।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर पीठ दर्द लंबे समय तक बना रहता है, सुन्नपन महसूस होता है या चलने में दिक्कत होती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। MRI या CT स्कैन के जरिए डॉक्टर इस समस्या का सही कारण जान सकते हैं और उपचार कर सकते हैं।

 

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