कृपा शंकर चौधरी ब्यूरो गोरखपुर
गोरखपुर। आनन्द प्रचारक संघ गोरखपुर द्वारा आज वेतियाहाता स्थित आश्रम पर दधिचि दिवस मनाया गया। इस अवसर पर तीन घंटे के बाबा नाम केवलम अस्टाक्षरी महामंत्र कीर्तन और उपस्थित वरिष्ठ आचार्य द्वारा इस दिवस को मनाने पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आचार्य शतश्रर्यानंद अवधूत ने कहा कि मानव जीवन में धर्म की स्थापना के लिए स्थापित आनंद मार्ग को बचाने हेतु अपने आपको न्योछावर करने वाले लोगों की याद में इस दिवस को मनाया जाता है।
आनंद मार्ग के प्रणेता प्रभात रंजन सरकार द्वारा दिए गए प्रउत (प्रगतिशील उपयोग तत्व) जो मानव जीवन के समाजिक, मानसिक उत्थान की दिशा तय करने हेतु लाया गया है को जब कम्युनिस्ट और पूंजीपतियों द्वारा पढ़ा गया तब उन्हें अपने द्वारा किए जा रहे शोषण का आधार खत्म होता दिखा और तदोपरांत उनके द्वारा आनन्द मार्गियों पर जानलेवा हमला कर दिया गया। अपने मार्ग गुरु द्वारा दिए गए आदर्श को बचाने में कई लोगों की जान चली गई। इसी लिए उनके याद में पांच मार्च को दधिचि दिवस के तहत मनाया जाता है।
इस अवसर पर आचार्य रागानुगानंद अवधूत, आचार्य ज्योतिष्मान ब्रम्हचारी, अवधूतिका आनंदनित्या आचार्या,डा० धनीराम, रंजना बागची सहित गोरखपुर के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों द्वारा उपस्थिति दर्ज कराई गई।
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