अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट JPNIC को सरकार से मिले 50 करोड़, लेकिन लॉन्च पर सस्पेंस बरकरार!
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को सरकार ने 50 करोड़ रुपये तो जारी कर दिए, लेकिन इसके शुरू होने की तारीख अब भी स्पष्ट नहीं है। विधानसभा में जब एक विधायक ने इस परियोजना की स्थिति को लेकर सवाल उठाया, तो सरकार की ओर से टालमटोल भरा जवाब मिला—"जब बनेगा, तब चलेगा।"
JPNIC: एक महत्वाकांक्षी परियोजना
लखनऊ स्थित JPNIC को अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान एक आधुनिक सांस्कृतिक और सम्मेलन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी। यह प्रोजेक्ट 2014 में शुरू हुआ और इसे राज्य का एक प्रमुख इंटरनेशनल सेंटर बनाने का सपना था। इसमें अत्याधुनिक सभागार, कला गैलरी, पुस्तकालय, डिजिटल म्यूजियम और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन कक्ष जैसी सुविधाएं शामिल की गई थीं। लेकिन सरकार बदलते ही यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई।
विधानसभा में JPNIC पर सवाल
हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान एक विधायक ने इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार से सवाल किया। उन्होंने पूछा, "JPNIC कब तक चालू होगा?" इसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया, "जब बनेगा, तब चलेगा।" इस जवाब से यह साफ हो गया कि सरकार अभी भी इस परियोजना को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है।
सरकार का रवैया और राजनीतिक बहस
JPNIC को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक खींचतान चल रही है। अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा सरकार उनकी योजनाओं को ठप कर रही है, जबकि भाजपा का दावा है कि इस प्रोजेक्ट में कई तकनीकी और वित्तीय खामियां थीं, जिनकी जांच होनी चाहिए।
JPNIC का भविष्य क्या होगा?
फिलहाल 50 करोड़ रुपये जारी होने के बावजूद, JPNIC का भविष्य अभी भी अनिश्चित है। क्या यह प्रोजेक्ट कभी पूरा होगा, या फिर यह भी अन्य अधूरे सरकारी प्रोजेक्ट्स की तरह धूल फांकता रहेगा? यह देखने वाली बात होगी।