वाराणसी पुलिस कमिश्नर के नाम से फेक FB अकाउंट, साइबर सेल कर रही जांच
वाराणसी में साइबर क्राइम का एक नया मामला सामने आया है, जहां किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया। इस अकाउंट से 1000 से अधिक प्रतिष्ठित लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। मामला सामने आने के बाद पुलिस और साइबर सेल सक्रिय हो गई है और इस अकाउंट को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है।
कैसे सामने आया मामला?
पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि वाराणसी पुलिस कमिश्नर के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर एक फेक फेसबुक अकाउंट बनाया गया है। इस अकाउंट से शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायियों, राजनेताओं और अधिकारियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही थी। जब कुछ लोगों को शक हुआ, तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी।
साइबर सेल कर रही जांच
जैसे ही मामला पुलिस के संज्ञान में आया, साइबर सेल को इसकी जांच सौंपी गई। शुरुआती जांच में पता चला कि यह फेक अकाउंट हाल ही में बनाया गया था और इसे एक अज्ञात आईपी एड्रेस से संचालित किया जा रहा था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस अकाउंट का इस्तेमाल किसी ठगी या आपराधिक गतिविधि के लिए तो नहीं किया गया।
फेक अकाउंट बनाने के पीछे मकसद क्या?
फिलहाल, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अकाउंट बनाने वाले व्यक्ति की मंशा क्या थी। कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:
- धोखाधड़ी – प्रतिष्ठित लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर उनसे पैसे या कोई अन्य लाभ लेने की कोशिश।
- अफवाह फैलाना – पुलिस कमिश्नर की छवि खराब करने या किसी तरह का गलत प्रचार करने के लिए।
- साइबर क्राइम – संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने या किसी व्यक्ति को ब्लैकमेल करने के लिए।
वाराणसी पुलिस की अपील
पुलिस ने सभी नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। अगर किसी को इस तरह की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही, फेक अकाउंट की रिपोर्ट फेसबुक पर करें ताकि उसे जल्द से जल्द ब्लॉक किया जा सके।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर साइबर सिक्योरिटी की अहमियत को उजागर किया है। पुलिस कमिश्नर के नाम से फेक अकाउंट बनाना एक गंभीर अपराध है और दोषी को जल्द ही पकड़ने के लिए जांच तेज कर दी गई है।