योगी ने संगम पर लगाई झाड़ू, गंगा से निकाला कचरा: महाकुंभ खत्म, लेकिन आस्था की भीड़ कायम
महाकुंभ 2025 का समापन हो चुका है, लेकिन तीर्थयात्रियों की आस्था की भीड़ अभी भी संगम तट पर बनी हुई है। इस ऐतिहासिक आयोजन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम तट पर खुद सफाई अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने झाड़ू लगाई और गंगा से कचरा निकालकर स्वच्छता का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल सफाई का अभियान नहीं, बल्कि गुलामी की मानसिकता को तोड़ने का प्रतीक है।
संगम तट पर चला स्वच्छता अभियान
महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने आए। इतने बड़े आयोजन के बाद संगम तट की सफाई एक बड़ी चुनौती बन गई। इसी को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने खुद झाड़ू उठाई और सफाई अभियान का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से भी अपील की कि वे स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और गंगा को निर्मल बनाए रखने में योगदान दें।
मोदी ने की योगी की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह स्वच्छता का संदेश देने के साथ-साथ गुलामी की मानसिकता को भी तोड़ता है। उन्होंने कहा,
"महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। योगी जी का यह कदम प्रेरणादायक है, जो दिखाता है कि हमें अपनी परंपराओं और नदियों की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।"
महाकुंभ खत्म, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ बरकरार
हालांकि महाकुंभ 2025 का आयोजन समाप्त हो चुका है, लेकिन संगम तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ अभी भी बनी हुई है। देशभर से आए तीर्थयात्री अभी भी पुण्य अर्जित करने के लिए संगम स्नान कर रहे हैं। प्रशासन ने भी सुरक्षा और सफाई के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
संगम की स्वच्छता को लेकर सरकार सख्त
योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखना प्राथमिकता रहेगी। महाकुंभ के बाद अधिकारी और सफाईकर्मी लगातार संगम क्षेत्र की सफाई में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि आस्था स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए नियमित सफाई अभियान चलाए जाएं।
निष्कर्ष
महाकुंभ का समापन भले ही हो गया हो, लेकिन संगम की महिमा और श्रद्धालुओं की आस्था अभी भी कायम है। योगी आदित्यनाथ के इस सफाई अभियान ने न केवल स्वच्छ भारत अभियान को बल दिया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि हमारी नदियां और तीर्थस्थल हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें हमें हर हाल में स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना होगा।