मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया: गुटबाजी, पारिवारिक तनाव या बढ़ती लोकप्रियता का असर?
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने हाल ही में अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह कदम बसपा के भीतर उभरती गुटबाजी, आकाश की बढ़ती लोकप्रियता, और पारिवारिक संबंधों के राजनीतिक प्रभाव से जुड़ा हुआ है।
आकाश आनंद की बढ़ती लोकप्रियता
आकाश आनंद को मायावती ने 2019 में पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में पदोन्नत किया था। उनकी सक्रियता और युवाओं के बीच बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें मायावती के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित किया। उनकी रैलियों में उमड़ती भीड़ और मीडिया का ध्यान इस बात का संकेत था कि वे पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहे हैं।
पार्टी में गुटबाजी और पारिवारिक प्रभाव
आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाजी के आरोप लगे। मायावती ने आरोप लगाया कि अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को कमजोर करने का प्रयास किया, जिससे आकाश का राजनीतिक करियर भी प्रभावित हुआ। इसके परिणामस्वरूप, मायावती ने आकाश को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया।
मायावती का निर्णय और पार्टी की दिशा
आकाश आनंद को हटाने के बाद, मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है। यह कदम पार्टी में परिवारवाद के आरोपों से बचने और संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। मायावती ने स्पष्ट किया है कि वे पार्टी की बागडोर अपने हाथों में रखना चाहती हैं और संगठन को एकजुट रखना उनकी प्राथमिकता है।
निष्कर्ष
मायावती का यह कदम बसपा के भीतर अनुशासन और एकता बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। आकाश आनंद की बढ़ती लोकप्रियता, पार्टी में गुटबाजी, और पारिवारिक संबंधों के राजनीतिक प्रभाव ने इस निर्णय को प्रभावित किया है। आने वाले समय में बसपा की रणनीति और संगठनात्मक ढांचे में और परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।