आठ जनपदों की डायलिसिस यूनिट में बढ़ाए जायेंगे बेड: ब्रजेश पाठक
नेशनल हेल्थ मिशन ने बेड बढ़ाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी, गुर्दा रोगियों के इलाज में होगी सहूलियत
लखनऊ। 25 जनवरी
गुर्दे के गंभीर रोगियों को डायलिसिस के लिये एक से दूसरे जनपद तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। बेड की कमी की वजह से गुर्दा रोगियों को डायलिसिस का इंतजार भी नहीं करना होगा। इसके लिए डायलिसिस यूनिट में बेड बढ़ाये जायेंगे। अभी प्रदेश के आठ जनपदों में डायलिसिस यूनिट में बेड बढ़ाए जा रहे हैं। जरूरत के हिसाब से अन्य जनपदों में भी बेड की संख्या में इजाफा किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने महानिदेशक स्वास्थ्य को जल्द से जल्द बेड बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है।
पीपीपी मॉडल पर संचालन
यूपी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर डायलिसिस यूनिट का संचालन किया जा रहा है। गुर्दे के गंभीर रोगियों को उनके जिले में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि रोगियों को डायलिसिस के लिए दूसरे जिलों तक दौड़ न लगानी पड़े। गुर्दा रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में रोगियों को डायलिसिस की सुविधा मुहैया कराकर राहत प्रदान की जा रही है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि रोगियों की संख्या बढ़ने की दशा में आठ जनपदों में हीमोडायलिसिस बेड बढ़ाये जा रहे हैं।
109 बेड होंगे डायलिसिस यूनिट में
कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, अम्बेडकर नगर, हाथरस, फिरोजाबाद, गाजीपुर, महाराजगंज व लखीमपुर खीरी जिला चिकित्सालय में 71 बेड पर मरीजों की डायलिसिस हो रही है। एक बेड पर एक दिन में तीन से चार रोगियों की डायलिसिस हो रही है। मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इन जनपदों में करीब 38 बेड बढ़ाये जा रहे हैं। डायलिसिस यूनिट में कुल 109 बेड होंगे।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि गुर्दा रोगियों के बेहतर उपचार के लिए लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। जल्द से जल्द आठ जनपदों की डायलिसिस यूनिट में बेड बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं ताकि अधिक से अधिक रोगियों को इलाज उपलब्ध कराया जा सके। डायलिसिस यूनिट में पर्याप्त सफाई, आरओ सिस्टम को दुरुस्त रखें। जरूरी दवाओं का संकट न होने दें। रोगियों को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जायें।