यूपी विधानसभा बजट सत्र 2025: विपक्ष का हंगामा, पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दिया जवाब
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 2025 हंगामेदार रहा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। खासतौर पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और जनप्रतिनिधियों के मानदेय को लेकर सवाल उठाए गए। इस पर पंचायती राज कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने जवाब दिया और स्थिति स्पष्ट की।
ओमप्रकाश राजभर का जवाब
पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सदन में कहा कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत तीनों स्तरों पर काम करने वाले जनप्रतिनिधियों को सिर्फ बैठकों में भाग लेने पर ही मानदेय दिया जाता है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र पंचायत के सदस्यों को प्रत्येक बैठक में 1000 रुपये देने की व्यवस्था है। हालाँकि, अन्य किसी तरह का स्थायी मानदेय फिलहाल सरकार के नियमों में शामिल नहीं है।
विपक्ष का हंगामा
इस जवाब से संतुष्ट न होने पर विपक्षी दलों ने सरकार पर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और पंचायतों को मजबूत न करने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों ने सरकार से पंचायत प्रतिनिधियों के लिए स्थायी मानदेय की मांग की और इस विषय पर विस्तृत चर्चा कराने की अपील की।
बजट सत्र के अन्य मुद्दे
इस दौरान सदन में अन्य प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएँ और पंचायतों के विकास कार्यों से जुड़े सवाल उठाए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि सरकार पंचायत स्तर पर सुधार और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और जनप्रतिनिधियों को उनकी जिम्मेदारी के अनुरूप सहयोग दिया जा रहा है।
क्या है आगे की राह?
विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायत प्रतिनिधियों के लिए स्थायी मानदेय देने की मांग लंबे समय से उठ रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस पर कोई नया निर्णय लेती है या नहीं।