सरयू की गोद में गूंज रहीं वैदिक ऋचाएं, महा सोमयज्ञ का दिव्य आयोजन
अयोध्या में पावन सरयू तट पर इन दिनों भक्तिमय वातावरण छाया हुआ है। महंत अभिराम दास की स्मृति में आयोजित महा सोमयज्ञ में वैदिक ऋचाओं की गूंज हर दिशा में सुनाई दे रही है। धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोच्चारण से समूचा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत हो गया है।
महा सोमयज्ञ का शुभारंभ
रामलला के उद्धारक माने जाने वाले महंत अभिराम दास की स्मृति में यह महायज्ञ अयोध्या में बड़े धूमधाम से किया जा रहा है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस आयोजन में भाग ले रहे हैं और देवताओं का आह्वान कर रहे हैं। यज्ञ वेदी के चारों ओर वैदिक विद्वान आहुति दे रहे हैं, जिससे वातावरण दिव्यता से भर उठा है।
सरयू तट पर भक्तिमय माहौल
अयोध्या की पावन भूमि पर इस समय आस्था का अनूठा नजारा देखने को मिल रहा है। सरयू तट पर धार्मिक आयोजन में संत, महात्मा, विद्वान और श्रद्धालु बड़ी संख्या में एकत्रित हुए हैं। वैदिक मंत्रों के साथ-साथ भक्तों के भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो गया है।
धर्म और आस्था का संगम
यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सनातन परंपराओं को सहेजने का एक प्रयास भी है। संत समाज और श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तरह के महायज्ञ से धर्म, संस्कृति और आस्था को बल मिलता है और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
अयोध्या में उत्साह और श्रद्धा
रामनगरी अयोध्या में यह महा सोमयज्ञ एक ऐतिहासिक आयोजन बन गया है। श्रद्धालु दूर-दूर से इस पुण्य अवसर का हिस्सा बनने के लिए आ रहे हैं। महंत अभिराम दास के शिष्यों और भक्तों के लिए यह आयोजन एक अनमोल श्रद्धांजलि है।
निष्कर्ष
अयोध्या में आयोजित यह महा सोमयज्ञ सनातन संस्कृति की झलक प्रस्तुत कर रहा है। सरयू की गोद में गूंजती वैदिक ऋचाएं और धार्मिक आस्था का यह संगम हर भक्त के लिए एक अद्भुत अनुभव बन गया है।