लखनऊ में शराब दुकानों की ई-लॉटरी: डीएम बोले- पूरी प्रक्रिया लाइव स्ट्रीमिंग थी; क्यूआर स्कैन कर देखें लिस्ट में अपना नाम
उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत शराब की दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता और सुलभता सुनिश्चित करने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली लागू की है। लखनऊ में इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया, जिसमें जिला अधिकारी (डीएम) ने बताया कि पूरी प्रक्रिया लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से सार्वजनिक की गई थी। आवेदक क्यूआर कोड स्कैन करके अपनी लॉटरी स्थिति देख सकते हैं।
ई-लॉटरी प्रक्रिया की पारदर्शिता
लखनऊ के डीएम ने जोर देकर कहा कि ई-लॉटरी प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई थी। इससे आवेदकों और जनता को यह सुनिश्चित हुआ कि प्रक्रिया निष्पक्ष और बिना किसी हस्तक्षेप के संपन्न हुई है। लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से लोग वास्तविक समय में लॉटरी ड्रॉ देख सके, जिससे विश्वास और विश्वसनीयता में वृद्धि हुई।
क्यूआर कोड के माध्यम से परिणाम देखना
आवेदकों की सुविधा के लिए, आबकारी विभाग ने क्यूआर कोड स्कैनिंग की सुविधा प्रदान की है। आवेदक अपने मोबाइल फोन से क्यूआर कोड स्कैन करके आसानी से अपनी लॉटरी स्थिति देख सकते हैं। यह तकनीकी नवाचार प्रक्रिया को और अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाता है, जिससे आवेदकों को अपने परिणाम जानने में कोई कठिनाई नहीं होती।
आवेदन प्रक्रिया और समयसीमा
नई आबकारी नीति के तहत, लखनऊ में शराब की दुकानों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 14 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी शाम 5 बजे तक चली। इच्छुक आवेदकों ने आबकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया। इस प्रक्रिया में आवेदन शुल्क 40,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक निर्धारित किया गया था, जो दुकान के प्रकार और स्थान के अनुसार था।
आबकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
आवेदकों को सलाह दी गई है कि वे केवल आबकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in/ का उपयोग करें। इससे वे धोखाधड़ी से बच सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी जानकारी सुरक्षित है। आधिकारिक पोर्टल पर आवेदन करने से प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहती है।
नई आबकारी नीति के तहत बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस नीति के तहत, प्रदेश में शराब की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, एक व्यक्ति को पूरे प्रदेश में अधिकतम दो दुकानों का आवंटन किया जा सकता है, जिससे बड़े व्यापारिक समूहों के एकाधिकार को रोका जा सके।
निष्कर्षलखनऊ में शराब दुकानों की ई-लॉटरी प्रक्रिया का सफलतापूर्वक संचालन सरकार की पारदर्शिता और तकनीकी उन्नति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लाइव स्ट्रीमिंग और क्यूआर कोड जैसी सुविधाओं के माध्यम से आवेदकों को सुलभ और निष्पक्ष प्रक्रिया का अनुभव मिला है। यह कदम न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत करता है।