अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने खेली होली, रामलला की तस्वीर को लगाया गुलाल
अयोध्या, जो सदियों से धार्मिक आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द्र का केंद्र रही है, एक बार फिर भाईचारे और एकता की मिसाल बनी। बाबरी मस्जिद के पैरोकार इकबाल अंसारी ने इस बार होली का त्योहार धूमधाम से मनाया और रामलला की तस्वीर को गुलाल लगाया।
रंगों में घुली एकता की भावना
अयोध्या में हमेशा से ही धर्मनिरपेक्षता और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली है। इकबाल अंसारी, जो बाबरी मस्जिद केस के प्रमुख पैरोकारों में से एक रहे हैं, उन्होंने यह साबित किया कि अयोध्या प्रेम, भाईचारे और सद्भाव का संदेश देता है।
इकबाल अंसारी ने कहा,
"होली प्यार और आपसी सौहार्द्र का त्योहार है। हमें धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत को प्राथमिकता देनी चाहिए। रामलला की तस्वीर को गुलाल लगाकर मैंने भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की है।"
अयोध्या में बदलते हालात और सौहार्द्र का संदेश
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद से ही भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द्र की भावना और मजबूत होती जा रही है। इकबाल अंसारी का यह कदम इस बात का प्रतीक है कि धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों को प्रेम और एकता से जवाब देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा,
"अयोध्या अब नए युग की ओर बढ़ रही है। राम मंदिर बन रहा है और यहां के सभी लोग इस बदलाव को खुशी-खुशी अपना रहे हैं। हमें धर्म के नाम पर लड़ाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि मिलकर अपने देश और समाज को आगे बढ़ाना चाहिए।"
अयोध्या की गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण
अयोध्या ने हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब को अपनाया है। इस शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होते रहे हैं। इकबाल अंसारी का यह कदम इस परंपरा को और मजबूती देता है।
स्थानीय लोग भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं और इसे देश में एकता और शांति के संदेश के रूप में देख रहे हैं।