कानपुर में कानूनगो-लेखपाल समेत 7 पर FIR: 5 करोड़ की जमीन पर फर्जीवाड़ा, DM के आदेश पर कार्रवाई
कानपुर में जमीन घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें कानूनगो, लेखपाल सहित 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 5 करोड़ की बेशकीमती जमीन अपने नाम करा ली। मामले की शिकायत के बाद डीएम के आदेश पर जांच हुई, जिसमें घोटाले की पुष्टि होने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
कैसे हुआ घोटाला?
शहर के एक प्रमुख इलाके की सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए निजी संपत्ति दिखाकर हड़प लिया गया था।
- कानूनगो और लेखपाल की मिलीभगत से दस्तावेजों में हेरफेर किया गया।
- सरकारी जमीन को गलत नामों से दर्ज कर बेचा गया।
- जब इस मामले की शिकायत डीएम कार्यालय पहुंची, तब जांच का आदेश दिया गया।
- जांच में पाया गया कि जमीन पर फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेजों के आधार पर मालिकाना हक बदला गया।
DM के आदेश पर FIR दर्ज
डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जांच में जिन 7 लोगों की संलिप्तता पाई गई, उनके खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर और जमीन हड़पने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया।
इस घोटाले में कौन-कौन शामिल?
जांच में यह सामने आया कि इस फर्जीवाड़े में राजस्व विभाग के अधिकारी और बाहरी दलालों की मिलीभगत थी।
- मुख्य आरोपी – कानूनगो और लेखपाल, जिन्होंने जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर किया।
- दलाल – जिन्होंने जमीन को बेचने का काम किया।
- फर्जी खरीदार – जिन्होंने जानबूझकर हेरफेर की गई जमीन खरीदी।
आगे की कार्रवाई
अब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। डीएम ने साफ कहा कि इस तरह के मामलों में किसी भी सरकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
कैसे बचें जमीन के फर्जीवाड़े से?
- कोई भी जमीन खरीदने से पहले उसके दस्तावेजों की गहरी जांच करें।
- राजस्व विभाग और तहसील में जाकर रजिस्ट्री और मालिकाना हक की पुष्टि करें।
- अगर संदेह हो तो तुरंत पुलिस या प्रशासन से संपर्क करें।
निष्कर्ष
कानपुर में हुआ यह जमीन घोटाला प्रशासनिक भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है। लेकिन डीएम की त्वरित कार्रवाई से यह साफ है कि अब ऐसे मामलों पर सख्ती से निपटा जाएगा। लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे इस तरह की ठगी के शिकार न बनें।