Go!
आनंद मार्ग के द्वारा इसी दिन सभ्यता की नींव रखी गई थी

आनंद मार्ग के द्वारा इसी दिन सभ्यता की नींव रखी गई थी

ब्यूरो रिपोर्ट

प्रयाग राज। आनंद मार्ग के प्रवर्तक भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने वर्ष 1939 में प्रथम दीक्षा श्रावणी पूर्णिमा कि रात्रि में काशी मित्रा घाट पर दुर्दांत डकैत कालीचरण चट्टोपाध्याय को दिया था जो बाद में कालिकानंदअवधूत के रूप में प्रचलित हुए।

 

 इसी दिन एक नई सभ्यता की नींव रखी है। इसी दिन से विश्व को नई दिशा देने के लिए गुरुदेव श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने  योग और तंत्र साधना मुक्ति आकांक्षा प्राप्त व्यक्ति को देने लगे । आज पूरे विश्व में लाखों लाख आनंदमार्गी आत्म मोक्ष और जगत हित के काम में लगे हैं। आज श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर स्थानीय हरिद्वार,

प्रयागराज रीजन एवं विश्व के विभिन्न शाखाआनंद मार्ग जागृति में धर्मचक्र,अखंडकीर्तन का आयोजन "बाबा नाम केवलम्"   कीर्तन , साधना,स्वध्याय एवं नारायण सेवा , वृक्षा रोपण किसानों के बीच पौधा वितरण के साथ अनेक सेवा कार्य का आयोजन है। इस अवसर पर अनेक साधक साधिका अपने संकल्प को पुनः दोहराते हुए अपने जीवन रथ को आलोकमय करने में पूरी शक्ति के साथ  लग जाते हैं।

साधना करना जीवन का सार है।इसी अध्यात्म अभ्यास से मुक्ति की प्राप्ति संभव है।

| |
Leave a comment
F4OP

Comment

Advertisement

Test Sidebar Ad

क्या है तहकीकात डिजिटल मीडिया

तहकीकात डिजिटल मीडिया को भारत के ग्रामीण एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में समाज के अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए निर्माण किया गया है ,जिसके माध्यम से समाज के शोषित ,वंचित ,गरीब,पिछड़े लोगों के साथ किसान ,व्यापारी ,प्रतिनिधि ,प्रतिभावान व्यक्तियों एवं विदेश में रह रहे लोगों को ग्राम पंचायत की कालम के माध्यम से एक साथ जोड़कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया जायेगा एवं उनकी आवाज को बुलंद किया जायेगा।

© Tahkikaat News 2017. All Rights Reserved. Tahkikaat Digital Media Pvt. Ltd. Designed By: Dizital Dreams