ब्रज में विधवा माताओं की अनूठी होली: गोपीनाथ मंदिर में गुलाल और फूलों की बौछार
मथुरा-वृंदावन की गलियां इन दिनों रंगों और भक्तिमय माहौल से सराबोर हैं। इस बार विधवा माताओं ने भी अपनी जिंदगी के गम भुलाकर होली के रंगों में खुद को सराबोर किया। वृंदावन के ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में करीब 1000 विधवा माताओं ने फूलों और गुलाल के रंगों से उत्सव मनाया।
विधवा माताओं की होली का खास आयोजन
वृंदावन में विधवा माताओं की होली का आयोजन हर साल भव्य तरीके से किया जाता है। समाज में उपेक्षित मानी जाने वाली ये माताएं इस दिन अपने दुखों को भूलकर खुशी में झूम उठती हैं। इस बार भी गोपीनाथ मंदिर में इन महिलाओं ने गुलाल उड़ाकर अपनी खुशियों का इजहार किया।
फूलों की होली में झूमे विदेशी
इस खास आयोजन में विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए, जो भारतीय संस्कृति का यह अनूठा रूप देखकर अभिभूत हो गए। यूरोप, अमेरिका और जापान से आए पर्यटकों ने न सिर्फ इस आयोजन का आनंद लिया, बल्कि वे भी इन माताओं के साथ फूलों की होली में जमकर नाचे।
समाज में सकारात्मक संदेश
यह आयोजन समाज में एक मजबूत संदेश देता है कि हर व्यक्ति को खुशियां मनाने का अधिकार है। वृंदावन में रहने वाली ये विधवा माताएं अपने दुखों को भुलाकर प्रेम और सद्भावना का संदेश देती हैं।
संस्था का सहयोग
इस आयोजन को सफल बनाने में सुलभ इंटरनेशनल जैसी संस्था का विशेष योगदान रहा, जिसने विधवा माताओं के लिए इस तरह के आयोजन को प्रोत्साहित किया।
ब्रज में होली का खास महत्व
वृंदावन में खेली जाने वाली फूलों की होली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ इसी तरह फूलों से होली खेली थी।