गोबर होली का देसी अंदाज: मस्ती में लिपटे लोग बोले – ‘ये तो ब्यूटी ट्रीटमेंट है!’
होली के रंगों में जहां गुलाल और पिचकारियों का मजा होता है, वहीं भारत के कई हिस्सों में गोबर होली का अनोखा अंदाज भी देखने को मिलता है। इस साल, उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में गोबर होली का उत्साह चरम पर रहा, जहां लोग गोबर से होली खेलते नजर आए।
क्या है गोबर होली का खास अंदाज?
उत्तर प्रदेश के बरसाना और मथुरा जैसे इलाकों में गोबर होली एक पुरानी परंपरा है, जिसे लोग बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाते हैं। इस होली में लोग एक-दूसरे पर गोबर फेंकते हैं और इसे शुभ मानते हैं।
इस साल भी गोबर होली का आयोजन धूमधाम से हुआ। लोग न केवल मस्ती में लिपटे बल्कि इसे अपनी सेहत और सौंदर्य के लिए फायदेमंद भी बताया।
'ये तो ब्यूटी ट्रीटमेंट है!'
होली खेलने वाले एक व्यक्ति ने कहा,
"गोबर लगाने से त्वचा पर चमक आती है, ये तो एक तरह का देसी ब्यूटी ट्रीटमेंट है!"
ग्रामीण क्षेत्रों में मान्यता है कि गाय के गोबर में औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
धार्मिक महत्व
गोबर होली का धार्मिक महत्व भी है। इसे सकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि ग्रामीण समाज में इसे शुभ माना जाता है।
पर्यटकों के बीच आकर्षण
विदेशी पर्यटकों के लिए भी गोबर होली एक आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। इस बार भी बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान इस अनोखी परंपरा को देखने पहुंचे और खुद भी इसमें शामिल हुए।
निष्कर्ष
गोबर होली भारतीय संस्कृति का एक अद्भुत रंग है, जो परंपरा, भक्ति और मस्ती को एक साथ जोड़ता है। यह त्योहार न केवल खुशी का प्रतीक है बल्कि स्वस्थ जीवनशैली और प्रकृति के साथ तालमेल का भी संदेश देता है।