दिल्ली से बनारस तक 'होली है!' की गूंज: विदेशी पर्यटक भी झूमे रंगों में!
भारत में होली का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार का नजारा कुछ खास रहा। दिल्ली से लेकर वाराणसी तक सड़कों पर 'होली है!' की गूंज सुनाई दी। देशी ही नहीं, विदेशी सैलानी भी रंगों की मस्ती में सराबोर नजर आए।
दिल्ली में होली का खास अंदाज
राजधानी दिल्ली में कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और पुरानी दिल्ली के गलियों में हजारों लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। विदेशी पर्यटक भी इस माहौल में रंगे बिना नहीं रह सके। कई विदेशी मेहमानों ने ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूमते हुए इस रंगीन पर्व का आनंद लिया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में भी होली की मस्ती का खास माहौल देखने को मिला, जहां छात्र-छात्राओं ने एक-दूसरे को रंगों में सराबोर कर माहौल को और रंगीन बना दिया।
वाराणसी में विदेशी सैलानियों का उत्साह चरम पर
वाराणसी की गलियों में इस बार की होली का रंग कुछ अलग ही दिखा। यहां के अस्सी घाट और दशाश्वमेध घाट पर हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक नजर आए, जो भारतीय होली के रंग में पूरी तरह रंग चुके थे।
विदेशी सैलानियों ने गंगा घाट पर चंदन, गुलाल और रंगों की मस्ती में झूमते हुए 'होली है!' के नारे लगाए। कई विदेशी मेहमानों ने कहा कि भारतीय होली का अनुभव उनकी जिंदगी का सबसे यादगार पल है।
मथुरा-वृंदावन की लट्ठमार होली भी रही आकर्षण का केंद्र
मथुरा और वृंदावन में आयोजित लट्ठमार होली देखने के लिए भी सैकड़ों विदेशी पर्यटक पहुंचे। राधा रानी मंदिर में हुए इस आयोजन में महिलाएं डंडों से पुरुषों को मारती नजर आईं, जबकि पुरुष खुद को बचाते हुए मस्ती के रंग में झूमते दिखे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दिल्ली से वाराणसी तक पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जा सके।
निष्कर्ष
होली 2025 में भारतीयों के साथ-साथ विदेशी सैलानियों का भी खास उत्साह देखने को मिला। रंगों के इस त्योहार ने एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता को प्रदर्शित किया।