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होली में बनारसी ठंडाई का खास स्वाद: काशी में उमड़ी भीड़, बाबा विश्वनाथ को लगता है भोग

होली में बनारसी ठंडाई का खास स्वाद: काशी में उमड़ी भीड़, बाबा विश्वनाथ को लगता है भोग

काशी (वाराणसी) में होली के त्योहार पर बनारसी ठंडाई की मांग हर साल बढ़ जाती है। रंगों के इस पर्व में ठंडाई का स्वाद होली का आनंद दोगुना कर देता है। खासतौर पर बाबा विश्वनाथ की नगरी में ठंडाई का एक अलग ही महत्व है।

बनारसी ठंडाई का खास स्वाद

काशी की बनारसी ठंडाई अपने खास स्वाद, खुशबू और जड़ी-बूटियों के मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है। इसमें बादाम, सौंफ, काली मिर्च, गुलाब, इलायची, केसर और खसखस जैसी सामग्रियां डाली जाती हैं, जो शरीर को ठंडक देती हैं और त्योहार का मजा बढ़ा देती हैं।

ठंडाई का धार्मिक महत्व

वाराणसी में हर रोज बाबा विश्वनाथ को विशेष भांग ठंडाई का भोग लगाया जाता है। इसे प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। माना जाता है कि ठंडाई का भोग लगाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।

होली पर बढ़ी ठंडाई की मांग

होली के मौके पर वाराणसी की प्रमुख ठंडाई की दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। गोदौलिया, दशाश्वमेध और लहुराबीर जैसे इलाकों में ठंडाई की दुकानें सबसे अधिक व्यस्त रहीं।

स्थानीय विक्रेताओं का क्या कहना है?

रामेश्वर मिश्रा, दशाश्वमेध घाट के एक ठंडाई विक्रेता ने बताया,

"होली के दौरान ठंडाई की मांग दोगुनी हो जाती है। लोग इसे खास पसंद करते हैं, क्योंकि यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है।"

वहीं, एक अन्य दुकानदार विनय त्रिपाठी का कहना है,

"बनारसी ठंडाई में डाली जाने वाली भांग को संतुलित मात्रा में मिलाया जाता है ताकि इसका स्वाद और असर संतुलित बना रहे।"

ठंडाई पीने के फायदे

  • गर्मी से राहत
  • पाचन में सुधार
  • शरीर को ऊर्जा प्रदान करना
  • होली के रंग खेलने के बाद थकान मिटाने में मददगार

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