वृंदावन या मथुरा नहीं, यह भारतीय शहर 7 दिनों तक लगातार होली मनाता है; जानिए क्यों!
कानपुर अपनी खास होली परंपरा के लिए मशहूर है, जहां यह रंगों का त्योहार एक-दो नहीं, बल्कि पूरे सात दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस अनोखी परंपरा ने कानपुर को होली के रंगों में डूबे सबसे खास शहरों में शामिल कर दिया है।
क्यों होती है कानपुर में सात दिन तक होली?
कानपुर की होली का इतिहास दशकों पुराना है। यहां होली महज एक त्योहार नहीं, बल्कि पूरे शहर को मस्ती और उल्लास में डुबो देने वाला पर्व है। इसकी शुरुआत कानपुर के नवाबगंज, परमट और किदवई नगर जैसे इलाकों में हुई थी, जहां लोग आपसी भाईचारे के साथ सात दिन तक होली का आनंद लेते थे।
इस दौरान हर गली-मोहल्ले में अलग-अलग दिन होली का आयोजन होता है, जिससे पूरे हफ्ते शहर में होली का रंग बरकरार रहता है।
खास कार्यक्रमों की होती है धूम
कानपुर की होली में केवल रंग-गुलाल ही नहीं, बल्कि पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य का भी आयोजन होता है। यहां के लट्ठमार होली, फाग उत्सव और भांग की ठंडाई कार्यक्रम खास आकर्षण का केंद्र होते हैं।
बड़े जुलूस और झांकियों का आयोजन
हर साल कानपुर की सड़कों पर बड़े जुलूस निकलते हैं, जिनमें सैकड़ों लोग रंगों में सराबोर होकर भाग लेते हैं। झांकियों के माध्यम से होली के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया जाता है।
सुरक्षा के खास इंतजाम
कानपुर में सात दिन तक चलने वाली होली में प्रशासन विशेष रूप से मुस्तैद रहता है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ मेडिकल टीम भी अलर्ट मोड पर रहती है।
कानपुर की होली का महत्व
यह सात दिवसीय होली कानपुरवासियों के बीच केवल मस्ती का ही नहीं, बल्कि आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक भी है। यहां का माहौल देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक भी उमड़ते हैं।