नयी परम्परा की शुरुआत! मथुरा से लड्डू गोपाल ने भेजा अबीर और गुलाल, होली खेलेंगे बाबा काशी विश्वनाथ
होली के पावन पर्व पर काशी और मथुरा के बीच एक नई और खास परंपरा की शुरुआत हुई है। मथुरा स्थित लड्डू गोपाल ने अपने प्रिय बाबा काशी विश्वनाथ को अबीर-गुलाल और रंगों की भेंट भेजी है, जिसे काशी के श्रद्धालुओं ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ स्वीकार किया।
कैसे हुई इस अनोखी परंपरा की शुरुआत?
इस बार होली पर मथुरा के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर से लड्डू गोपाल का विशेष उपहार बाबा विश्वनाथ धाम के लिए भेजा गया। इस भेंट में अबीर, गुलाल और विशेष श्रृंगार सामग्री शामिल थी। मंदिर समिति के अनुसार, यह परंपरा आने वाले वर्षों में हर होली पर निभाई जाएगी।
काशी में श्रद्धालुओं ने किया स्वागत
बाबा विश्वनाथ को जब मथुरा से भेजा गया यह अबीर-गुलाल चढ़ाया गया, तो काशी के श्रद्धालुओं के बीच खुशी का माहौल छा गया। धाम परिसर को रंग-बिरंगे फूलों और आकर्षक सजावट से सुसज्जित किया गया।
मथुरा-काशी का विशेष रिश्ता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मथुरा के लड्डू गोपाल और काशी के बाबा विश्वनाथ का गहरा संबंध है। लड्डू गोपाल को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है, जबकि बाबा विश्वनाथ को शिव का रूप। होली के इस पावन अवसर पर दोनों धामों के बीच प्रेम और सौहार्द का यह आदान-प्रदान भारतीय संस्कृति में एक नई मिसाल बना।
धार्मिक महत्व और संदेश
इस नई परंपरा का उद्देश्य समाज में प्रेम, सौहार्द और एकता को बढ़ावा देना है। भक्तों ने इसे शिव-शक्ति के मिलन का प्रतीक बताया, जहां रंग और गुलाल के माध्यम से भक्त भगवान की भक्ति में लीन होते हैं।