काशी में होली की धूम: घर से घाट तक रंगों की बौछार, गोदौलिया चौक पर कपड़ा फाड़ होली, बाबा विश्वनाथ को चढ़ी ठंडाई
वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, होली के अवसर पर रंगों, संगीत और उत्साह से सराबोर हो उठता है। यहां की होली की खासियत है 'कपड़ा फाड़ होली', जो विशेष रूप से गोदौलिया चौराहे पर खेली जाती है। इस परंपरा में लोग एक-दूसरे के कपड़े फाड़कर, रंग-गुलाल लगाकर और नृत्य-गीत के माध्यम से होली का आनंद लेते हैं।
गोदौलिया चौराहे की होली:
गोदौलिया चौराहा वाराणसी का एक प्रमुख स्थान है, जहां होली के दौरान हजारों लोग एकत्रित होते हैं। यहां 'कपड़ा फाड़ होली' की परंपरा विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जिसमें लोग एक-दूसरे के कपड़े फाड़कर, रंग-गुलाल लगाकर और नृत्य-गीत के माध्यम से होली का आनंद लेते हैं। इस वर्ष भी गोदौलिया चौराहे पर युवाओं ने DJ के गीतों पर जमकर नृत्य किया और कपड़ा फाड़ होली का लुत्फ उठाया।
दशाश्वमेध घाट की होली:
दशाश्वमेध घाट पर होली का नजारा अद्भुत होता है। यहां लोग गंगा में स्नान करके, एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और भांग की ठंडाई का आनंद लेते हैं। घाट पर होने वाली गंगा आरती के दौरान रंग-बिरंगे गुलाल उड़ाए जाते हैं, जिससे पूरा वातावरण रंगीन हो उठता है।
विदेशी पर्यटकों की भागीदारी:
काशी की होली की ख्याति देश-विदेश में फैली हुई है, जिससे हर वर्ष बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक यहां की होली का आनंद लेने आते हैं। वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा बनकर, रंग-गुलाल खेलते हैं और होली के गीतों पर नृत्य करते हैं। इससे काशी की होली का आकर्षण और भी बढ़ जाता है।
बनारसी ठंडाई का स्वाद:
होली के अवसर पर बनारसी ठंडाई का विशेष महत्व है। यह ठंडाई भांग, बादाम, सौंफ, गुलाब जल आदि से बनाई जाती है, जो होली के उत्सव में ऊर्जा और ताजगी का संचार करती है। काशी में बाबा विश्वनाथ को भी प्रतिदिन ठंडाई का भोग लगाया जाता है, जो यहां की परंपरा का हिस्सा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम:
होली के अवसर पर वाराणसी में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। लोक कलाकारों द्वारा होली के गीत, नृत्य और नाटकों का प्रदर्शन किया जाता है, जो शहर के सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करता है। इन कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था:
होली के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहती है। पुलिस बल तैनात रहता है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और सभी लोग सुरक्षित वातावरण में होली का आनंद ले सकें। इसके अलावा, स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि शहर की सुंदरता बनी रहे।
निष्कर्ष:
वाराणसी की होली रंगों, संगीत और उत्साह का संगम है। यहां की 'कपड़ा फाड़ होली', बनारसी ठंडाई, सांस्कृतिक कार्यक्रम और गंगा घाटों की रौनक इस पर्व को विशेष बनाती है। यह त्योहार न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।