गैंग चार्ट तैयार करने में यूपी पुलिस की लापरवाही पर हाईकोर्ट सख्त: गृह सचिव और DGP को दिए निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस द्वारा गैंग चार्ट तैयार करने में हो रही लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया है कि गैंग चार्ट के कॉलम संख्या पांच और छह को अनिवार्य रूप से भरा जाए। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि गैंग चार्ट में अधूरी जानकारी देना गंभीर लापरवाही है, जिससे मामलों की जांच और सुनवाई में बाधा उत्पन्न होती है।
क्या है गैंग चार्ट और इसका महत्व?
गैंग चार्ट अपराधियों और उनके गिरोह से जुड़ी विस्तृत जानकारी देने वाला दस्तावेज होता है। इसमें गैंग के सरगना, सदस्यों के नाम, उन पर दर्ज मुकदमे और उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि का विवरण दिया जाता है। कॉलम संख्या पांच और छह में अपराधियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विवरण दर्ज किए जाते हैं, जिससे उनकी प्रोफाइल का पूरा आकलन हो सके।
हाईकोर्ट ने क्यों जताई नाराजगी?
हाईकोर्ट ने पाया कि यूपी पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए कई गैंग चार्ट में कॉलम संख्या पांच और छह अधूरे थे। इससे मामलों की सुनवाई में दिक्कतें हो रही थीं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि गृह सचिव और DGP इस मामले में सख्ती बरतते हुए गैंग चार्ट तैयार करने के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
गृह सचिव और DGP को मिले स्पष्ट निर्देश
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि गैंग चार्ट में शामिल सभी कॉलम अनिवार्य रूप से भरे जाएं और इसके लिए संबंधित पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि गैंग चार्ट में सही और पूरी जानकारी दर्ज करना अपराध पर नियंत्रण के लिए बेहद जरूरी है।
आगे क्या कदम उठाएगी यूपी पुलिस?
यूपी पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अपने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सख्त आदेश जारी कर दिए हैं। अब हर जिले में गैंग चार्ट तैयार करने की प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा करने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी।