इन्डियन बैंक के सौजन्य से वाटर कुलर का लोकार्पण
कैलाश सिंह विकास वाराणसी
वाराणसी।अद्भिः सर्वाणि भूतानि जीवन्ति प्रभवन्ति च । तस्मात् सर्वेषु दानेषु तयोदानं विशिष्यते ।
अर्थात्-जल से संसार के सभी प्राणी उत्पन्न होते हैं और जीवित रहते हैं । अतः सभी दानों में जल का दान सर्वोत्तम माना जाता है।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी में आज इण्डियन बैंक विश्वविद्यालय शाखा के सौजन्य से इलेक्ट्रानिक आरओ वॉटर कुलर मशीन के लोकार्पण के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने व्यक्त किया।
कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया मे जल ही जीवन है के सार्थक श्रुति वाक्य में प्रत्येक जीव का सम्पूर्ण दैनिक जीवन योजित है।हमारे शास्त्रों मे वर्णित है कि-देयं भेषजमार्तस्य परिश्रान्तस्य चासनम् । तृषितस्य च पानीयं क्षुधितस्य च भोजनम् ॥
अर्थात्-पीडित को औषध, थके हुए को आसन, प्यासे को पानी और भूखे को भोजन देना चाहिए।हमारे समाज मे यदि कोई आवश्यकता को समझकर उसकी पूर्ति कर दे तो वह महादान होता है,आज परिसर स्थित सम्मानित इन्डियन बैंक के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक आरो वाटर कुलर मशीन का दान देकर इस संस्था के अति महत्व पूर्ण जरुरत की पूर्ति कर सैकडों लोगों को शुद्ध पेयजल देकर निश्चित ही साधुवाद और अभिनंदन के पात्र हैं,सम्पूर्ण इन्डियन बैंक परिवार का विश्वविद्यालय आभारी है।
उक्त अवसर पर इन्डियन बैंक के अंचल प्रमुख राजेश ने बतौर अध्यक्ष कहा कि यह भूमि देववाणी भाषा संस्कृत और माँ वाग्देवी का है,जो भारतीय संस्कृति और संस्कार को वैश्विक फलक पर निरंतर प्रवाहित कर रही है।इन्डियन बैंक सदैव जन सेवा का अग्रणी संस्था है।जनसेवा की भावना एवं इस संस्था की जरूरत को देखते हुये आज वॉटर कुलर लगाकर मा कुलपति महोदय के हस्तों लोकार्पित किया गया।यह बैंक सदैव जन सुविधा का ध्यान रखकर ही समाज सेवा का कार्य निरन्तर करती आ रही है।
ज्ञातव्य हो कि इन्डियन बैंक, विश्वविद्यालय परिसर के सौजन्य से इलेक्ट्रॉनिक आरो वॉटर कुलर मशीन यहां के केन्द्रीय कार्यालय में लगा कर लोकार्पित किया गया।
उक्त अवसर पर विनयाधिकारी प्रो दिनेश कुमार गर्ग,इन्डियन बैंक वाराणसी के परिसर बैंक के प्रबंधक विपुल कुमार पान्डेय, वरिष्ठ प्रबंधक रवि कुमार,प्रबंधक गौरव कुमार,प्रबंधक हीरालाल एवं विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित थे।