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आजमगढ़::किसानों के दमन के विरोध में प्रदर्शन

आजमगढ़::किसानों के दमन के विरोध में प्रदर्शन

 

उपेन्द्र कुमार पांडेय 

आजमगढ़  में संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति और पंजाब के राज्यपाल को भेजे ज्ञापन

आजमगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न किसान संगठन किसान संग्राम समिति, क्रांतिकारी किसान यूनियन, अ.भा.किसान सभा, अ.भा.किसान महासभा,भारतीय किसान यूनियन, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा, खेत-मजदूर किसान सभा,लोक जनवादी मंच संयुक्त किसान मजदूर संघ आदि ने शुक्रवार को अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में बैठक किया।उद्यान से लेकर कलेक्ट्रेट परिसर तक जुलूस निकाल कर नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।

   किसान नेताओं ने पंजाब में किसानों के दमन तथा  अमेरिका , यूरोपीय संघ व न्यूजीलैंड देशों के साथ राष्ट्रविरोधी मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता का विरोध किया। इस दौरान नेताओं ने राष्ट्रपति महोदया व पंजाब के महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया।
      वक्ताओं ने कहा कि पंजाब की सरकार केंद्र सरकार से मिलीभगत कर किसानों का दमन कर रही है। ज्ञापन में मांग की गई है कि वहां पुलिस के अंधाधुंध बल प्रयोग को बंद कर लोकतांत्रिक अधिकार बहाल किए जाएं। जायज़ मांगों के लिए आंदोलनरत किसानो को गिरफ्तार नहीं  सम्मान के साथ वार्ता करो। पुलिस प्रशासन द्वारा जब्त किसानों के ट्रैक्टर वापस किए जाएं और उनके नुकसान की भरपाई की जाए। 
 उत्तर प्रदेश बजट में आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण की बात का विरोध करते हुए कहा कि यदि ऐसा होता है तो शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे किसान आंदोलन के साथ धोखा होगा।
 किसान नेताओं को इस बात की गंभीर चिंता है कि अमेरिका , यूरोपीय संघ के साथ होने वाले मुक्त व्यापार समझौतों से भारत में अनाज, दालें, तिलहन, डेरी उत्पादन, पोल्ट्री, फल और अन्य कृषि उत्पादों का  आयात बढ़ जाएगा जिससे न केवल किसानों को बल्कि कृषि पर निर्भर सभी छोटे व्यवसायों को भी भारी नुकसान होगा।इसतरह के राष्ट्रविरोधी समझौता से सरकार को रद्द करना चाहिए।वर्तमान में अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल भारत की यात्रा पर है और केंद्र सरकार के साथ इन समझौतों पर बातचीत कर रहा है।

ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि देश की राज्य सरकारों और विधानसभाओं द्वारा खेती-किसानी विरोधी राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति को खारिज करने का प्रस्ताव पास करना चाहिए। सभी फसलों के लिए सी टू प्लस पचास फ़ीसदी लागत पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर खरीद की गारंटी दी जानी चाहिए। किसान और मजदूरों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाना चाहिए।कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दरों में वृद्धि और स्मार्ट मीटर लगाने की योजना वापस लिया जाए तथा ट्यूबवेल के लिए मुफ्त बिजली और घरेलू व दुकानों के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जाए।

कार्यक्रम में डॉ रवीन्द्र नाथ राय,रामनयन यादव,का. वेद प्रकाश उपाध्याय, दुखहरन सत्यार्थी,का विनोद सिंह,निर्मल प्रधान, का.नंदलाल मास्टर, रामाश्रय यादव, रामराज, दान बहादुर मौर्य, रामकुमार यादव, रामशब्द निषाद, हरिहर ,अवधेश, बहादुर,तुफानी राम ,वैरागी हरिओम ,लालजी आदि उपस्थित रहे।

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