यूपी में 10 लाख मुस्लिम परिवारों को 'सौगात-ए-मोदी' किट, लेकिन क्या बीजेपी को मिलेगा मुस्लिम वोट?
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए केंद्र सरकार ने 'सौगात-ए-मोदी' किट योजना के तहत 10 लाख मुस्लिम परिवारों को मदद देने का फैसला किया है। इस योजना के जरिए मुस्लिम गरीब परिवारों को राशन, कपड़े और अन्य जरूरी सामान दिया जाएगा। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे बीजेपी को मुस्लिम वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने में सफलता नहीं मिलेगी।
क्या है 'सौगात-ए-मोदी' किट?
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 लाख मुस्लिम परिवारों को फ्री राशन, खाद्य सामग्री, कपड़े और अन्य जरूरी सामान दिया जा रहा है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह योजना गरीब मुस्लिमों की मदद करने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए चलाई जा रही है।
फिर भी मुस्लिम वोट क्यों नहीं मिलेगा?
- बीजेपी के खिलाफ परंपरागत ध्रुवीकरण:
मुस्लिम मतदाता परंपरागत रूप से सपा, बसपा और कांग्रेस की ओर झुके रहे हैं। बीजेपी को मुस्लिम समुदाय से समर्थन मिलना अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
- संभल जैसी हिंसा और टकराव:
संभल सहित यूपी के कई इलाकों में हाल ही में सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला है। इससे मुस्लिम समाज में असंतोष है और वे बीजेपी पर भरोसा करने में हिचकिचा रहे हैं।
- CAA और ध्रुवीकरण की राजनीति:
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण भी मुस्लिम मतदाता बीजेपी से दूरी बनाए हुए हैं।
संभल जैसे टकराव थमेंगे या नहीं?
संभल में हाल ही में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसी घटनाएं रुकेंगी। सरकार का दावा है कि कानून-व्यवस्था मजबूत की जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर तनाव अभी भी बना हुआ है।
निष्कर्ष
'सौगात-ए-मोदी' किट योजना बीजेपी की मुस्लिम वोट बैंक में पैठ बनाने की कोशिश का हिस्सा है, लेकिन CAA, सांप्रदायिक टकराव और राजनीतिक ध्रुवीकरण के कारण मुस्लिम समाज अभी भी बीजेपी को वोट देने से हिचक सकता है। आगामी चुनावों में यह देखने लायक होगा कि इस योजना का बीजेपी के वोट शेयर पर क्या असर पड़ता है।