सांसद रवि किशन की पहल से गोरखपुर में खुलेगा प्रौद्योगिक केंद्र, होंगे ये फायदे
कृपा शंकर चौधरी
GORAKHPUR -: सीएम योगी के शहर गोरखपुर में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। इसी क्रम में गोरखपुर के सांसद रवि किशन किशन शुक्ला ने एक और बड़ा प्रयास किया है। सांसद रवि किशन की पहल से जल्द ही गोरखपुर में प्रौद्योगिकी केंद्र खुलेगा
जिससे यहां के विकास को एक नई दिशा और गति मिलेगी। सांसद ने केंद्रीय मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय जीतन राम माझी से पूर्व में ही इसके लिए मांग की थी। सांसद ने इसके लिए पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री जीतन मांझी और सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया है।
सांसद रवि किशन ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा पूरे देश में 20 नए प्रौद्योगिकी केंद्र और 100 विस्तार केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। मेरी मांग को स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय जीतन मांझी ने एक प्रौद्योगिक केंद्र गोरखपुर को दिया है।
मेरे संसदीय क्षेत्र में भी छोटे बड़े उद्योग हैं। इस केंद्र के यहां स्थापित होने से गोरखपुर व आसपास के जिलों में एमएसएमई सेवा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। गोरखपुर के साथ ही साथ संतकबीर नगर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज जिलों के युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सांसद ने कहा कि गोरखपुर में प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित होने से पूर्वांचल के युवाओं के टेक्निकल स्किल बढ़ेंगे। जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
सांसद ने कहा कि आज पूरा देश पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक विकास कर रहा है। उन्होंने गोरखपुर के विकास को हमेशा प्राथमिकता दी है। यह केंद्र गोरखपुर के लिए बड़ी सौगात है जिसने पीएम की महती भूमिका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यहां की जनता पर विशेष आशीर्वाद रहता है। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश को उत्तर प्रदेश बनाया है। गोरखपुर आज विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है।
प्रौद्योगिकी केंद्र खुलने के फायदे
एमएसएमई के लिए स्थिरता केंद्र की मुख्य विशेषताएं
1. व्यवसाय निरंतरता योजना (बीसीपी) सहायता
• एमएसएमई को व्यवसाय निरंतरता और आपदा पुनर्प्राप्ति योजनाएँ तैयार करने में सहायता करता है।
• संकट के दौरान व्यवधान को कम करने के लिए टेम्पलेट, उपकरण और परामर्श सेवाएँ।
2. वित्तीय सलाहकार सेवाएँ
• कार्यशील पूंजी और नकदी प्रवाह के प्रबंधन पर मार्गदर्शन।
• आपातकालीन क्रेडिट लाइनों या राहत निधियों तक पहुँच।
• ऋणों के पुनर्गठन या सरकारी सब्सिडी तक पहुँचने में सहायता।
3. डिजिटल परिवर्तन सहायता
• डिजिटल उपकरण (जैसे, ईआरपी, सीआरएम, ई-कॉमर्स) अपनाने में सहायता।
• डिजिटल मार्केटिंग और बिक्री प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन जाने के लिए सहायता।
• साइबर सुरक्षा जागरूकता और उपकरण।
4. प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
• संकट प्रबंधन, नेतृत्व और परिवर्तन प्रबंधन पर कार्यशालाएँ और वेबिनार।
• क्षेत्र-विशिष्ट सर्वोत्तम अभ्यास और परिचालन अनुकूलन।
5. कानूनी और विनियामक सहायता
• अनुपालन, श्रम कानून और कर राहत उपायों को समझने में सहायता।
• सब्सिडी या सरकारी योजनाओं के लिए दस्तावेज़ीकरण में सहायता।
6. बाजार तक पहुँच और संपर्क
• नए आपूर्तिकर्ता, ग्राहक या निर्यात अवसर खोजने में सहायता।
• वर्चुअल B2B मीटिंग और व्यापार मेले में भागीदारी।
7. प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाह
• उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों में अपग्रेड करने में सहायता।
• अनुसंधान और विकास सहायता या तकनीकी संस्थानों के साथ सहयोग तक पहुँच।
8. मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता
• तनाव का सामना कर रहे व्यवसाय मालिकों और कर्मचारियों के लिए परामर्श सेवाएँ।
• हेल्पलाइन और मेंटरशिप कार्यक्रम।
9. नीति वकालत और प्रतिक्रिया चैनल
• एमएसएमई और सरकारी निकायों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करता है।
• नीति समायोजन के लिए जमीनी स्तर की प्रतिक्रिया एकत्र करता है।