एनसीईआरटी की पुस्तकें विद्यालयों में की जाए अनिवार्य : सत्या सिंह
उपेन्द्र कुमार पांडेय
निजी स्कूलों के प्रबंधक पर लगाया लूट का आरोप,
अभिभावको के पीड़ा को प्रशासन के समक्ष रखा
अभिभावकों के लिए आगे आया उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ
आजमगढ़। जनपद के सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य किए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने अभिभावकों पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ के भी मामले को डीएम के समक्ष रखते हुए तत्काल रोक लगाए जाने की मांग किया। इस दौरान महासंघ ने एनसीईआरटी अनिवार्य कर आर्थिक शोषण पर रोक लगाए जैसी तख्तियों को लेकर कार्यालय के बाहर जागरूकता दिखाने का प्रयास किया।
अभिभावक महासंघ के जिला अध्यक्ष सत्या सिंह परिहार ने कहाकि निजी विद्यालयों में पुस्तकों की खरीदारी सीबीएसई सम्बद्धता नियमावली के अनुसार विद्यालयों को केवल एनसीईआरटी द्वारा अनुशंसित एवं प्रकाशित पुस्तकों से ही पठन-पाठन कराया जाना चाहिए परंतु जनपद के समस्त विद्यालय द्वारा अपने चहेते निजी प्रकाशकों के पुस्तकों को ही क्रय किए जाने को निर्देशित किया जा रहा हैं इन पुस्तकों का मूल्य एनसीईआरटी के पुस्तकों से कहीं गुना अधिक है। जिसके कारण अभिभावकों को हर साल नए एडमिशन के साथ महंगी पुस्तकों की खरीदारी के कारण देहरा भार झेलना पड़ रहा है। संघ ने आरोप लगाया कि चहेते प्रकाशकों की पुस्तकों के खरीदारी करने के लिए विद्यालय प्रबंधकों द्वारा बकायदा अपने ही प्रिय दुकानदार भी चयनित कर रखा है जिसका फायदा दुकानदार उठा रहे हे और मनमाना रेट वसूल रहे है।
सचिव अरूण चौरसिया ने कहाकि अभिभावकों के हित में शीध्र ही एनसीईआरटी के ही पुस्तकों को पाठ्यक्रमों में शामिल कराए जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा एक आदेश जारी किया जाना आवश्यक है ताकि शिक्षा के मंदिरों का व्यवसायीकरण होने से बचाया जा सकें। उन्होंने यह भी कहाकि अभिभावकों पर अनावश्यक थोपे जा रहे निजी विद्यालयों के प्रबंधकों के नियमों पर अविलम्ब रोक नहीं लगाया गया तो हम मुखर होने को बाध्य होंगे।
इस अवसर पर रेनू देवी, संजय वर्मा, अनिल वर्मा, रवि सिंह, रणविजय सिंह, जगपाल चौरसिया, नमन सिंह सहित अन्य अभिभावक मौजूद रहे।