खेल के माध्यम से ही अनेक देश एक मंच पर आसीन होते हैं- डॉ दयाशंकर मिश्र "दयालु"
कैलाश सिंह विकास वाराणसी
वाराणसी।स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग, खेल के लिए जरूरी है। खेल भावना से अनुशासन और राष्ट्रवाद की भावना पनपती है।खेल के माध्यम से एक अच्छे नागरिक,इन्सान,अच्छे छात्र बनते हैं।खिलाड़ी जीवन मे कभी नही पराजित होता है,वह खेल के ही माध्यम से सम्मान,पुरस्कार,यश और रोजगार प्राप्त करता है।
उक्त विचार आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी मे दिनांक 18 मई 2023 से आयोजित युवा महोत्सव के अन्तर्गत अंतरसंकायी विभिन्न तरह के क्रीड़ा प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह योगसाधना केन्द्र मे उत्तर प्रदेश के आयुष मन्त्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र"दयालू" बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया।
आयुष मन्त्री डॉ मिश्र ने कहा कि खेल ही ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से सम्पूर्ण देश या विश्व के अनेको देशों को एक मंच पर लाकर एकजुट कर देती है।संस्कृत मे क्रिकेट के कमेँट्री कर निश्चित ही संस्कृत भाषा के महत्व को वैश्विक स्तर पर ले जाने मे सहायक हुये।भवन मरम्म के लिये 25 लाख जारी किये। अन्य मांगो के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रम पर होम्योपैथिक चिकित्सक पद सृजित करने तथा चिकित्सा सुविधा के लिये 3लाख रुपए प्रति वर्ष देने पर सैद्धान्तिक सहमति दिये हैं।
बतौर विशिष्ट अतिथि वाराणसी के पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन ने कहा कि यह संस्था बहुत समृद्ध विवि है।यहां पर सभी खेलों के साथ क्रिकेट की प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी,यह आश्चर्य भी हुआ कि प्राच्य विद्या के इस मन्दिर मे क्रिकेट भी होता है,यह निश्चित ही समय या वक्त के साथ बदलाव का संदेश है।इससे यहां गति और तीव्र होगी।संस्कृत मे कमेंट्री करके निश्चित ही भाषा के महत्व की वृद्धि हुई है।
विशिष्ट अतिथि बीएचयू के प्राच्य विद्या संकाय के वरिष्ठ प्रो राम नारायण द्विवेदी ने कहा कि यह भूमि ऋषियों की है,यहां के बच्चों में भारतीय संस्कृति के अनुसार क्रीड़ा मे सहभाग किया है,उनके उपर राष्ट्र की गरिमा महिमा टिकी है।उन्ही पर राष्ट्र का निर्माण निर्भर करता है।
अध्यक्षता करते हुये कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि खेलों से जुड़े युवा अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी बड़ी कुशलता से करते हैं। खेल हमें सकारात्मक रहते हुए कई प्रकार की समस्याओं और संकटों ने निपटने का गुर सिखाते हैं। खेलों के माध्यम से टीम भावना का जो गुण विकसित होता है।यहां के विद्यार्थी शास्त्र के ज्ञान के साथ साथ क्रीड़ा शास्त्र मे भी दक्ष हैं।आगे के खेल मे क्रिकेट साथ अन्य गेम भी संस्कृत कमेंट्रि के साथ होंगे।
स्वागत भाषण विनयाधिकारी प्रो दिनेश कुमार गर्ग,युवा महोत्सव के अध्यक्ष प्रो हरिशंकर पान्डेय ने किया।
दिनांक 18 मई से 20 मई तक विवि मे विभिन्न तरह के खेल प्रतियोगितादौड़,कबड्डी,बॉलीबाल,बैडमिंटन,क्रिकेट आदि आयोजित किये गये जिसमें सभी विजेताओं को आज मंचस्थ अतिथियों के द्वारा प्रमाण पत्र,मेडल और शील्ड तथा उप विजेताओं को भी प्रमाण पत्र,मेडल के साथ सम्मानित किया गया।
समारोह के प्रारम्भ मेंमंगलाचरण- वैदिक,पौराणिक मंगलाचरण किया गया।
मंचस्थ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
उक्त अवसर पर प्रो राघवेंद्र जी दुबे,प्रो दिनेश कुमार गर्ग,प्रो दिनेश कुमार गर्ग,डॉ विजय कुमार शर्मा,डॉ नितिन कुमार आर्य,डॉ विजेंद्र कुमार आर्य,डॉ कुप्पा विल्वेश,युवा खिलाड़ी एवं विद्यार्थी आदि उपस्थित हुये हैं।