अघोरेश्वर महाप्रभु का ‘अनन्य दिवस’ पर्व ‘थिर दिवस’ के रूप में मनाया गया
कैलाश सिंह विकास वाराणसी
वाराणसी। श्री सर्वेश्वरी समूह अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम पड़ाव में अघोरेश्वर भगवान राम का “अनन्य दिवस पर्व” गुरुपद संभव रामजी के निर्देशन में बड़ी ही श्रद्धा एवं भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर प्रात:काल प्रभातफेरी निकाली गयी। जो पड़ाव आश्रम से अघोरेश्वर महाविभूति स्थल तक गयी। सफाई एवं श्रमदान के पश्चात साधू मगहिया राम द्वारा परमपूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु की चरणपादुका एवं आसन पर माल्यार्पण, पूजन एवं आरती किया गया। पृथ्वीपाल ने सफलयोनि का पाठ किया। सभी श्रद्धालुगण दर्शन-पूजन करके प्रसाद ग्रहण किये। दोपहर पारिवारिक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। वक्ताओं में साधू मगहिया राम के अलावा सर्वेश्वरी समूह के उपाध्यक्ष सुरेश सिंह, अघोर शोध संस्थान के निदेशक डॉ० अशोक कुमार, दिलीप, अजीत, विजय प्रताप और पृथ्वीपाल ने अपने विचार व्यक्त किया। वक्ताओं ने अघोरेश्वर महाप्रभु के विचारों पर चलकर अपने पीड़ित-उपेक्षित की सेवा करने और अन्न-जल के दुरुपयोग को रोकने की प्रेरणा दी। ओमप्रकाश तिवारी ने मंगलाचरण किया और गिरजा तिवारी ने भजन प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन सर्वेश्वरी समूह के संयुक्त मंत्री अरविन्द कुमार सिंह ने किया और संचाऊ प्रचार मंत्री पारसनाथ यादव ने किया। इस पर्व को मनाने के पीछे की कथा है कि “आज ही के दिन माघ कृष्ण चतुर्दशी को सन् 1954 में प्रयागराज में आयोजित कुम्भ मेले में अपने तप के दौरान उपेक्षित और बहुत दिनों के भूखे परमपूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु को एक अज्ञात बूढी माँ ने अपने फांकते हुए अन्न में से एक मुट्ठी अन्न दिया था, जिसके बाद से ही उनको इतना अन्न और वस्त्र मिलने लगा कि वो दूसरों की तरफ टारने लगे I” उल्लेखनीय है कि इसके बाद से ही माँ-भगवती से प्राप्त आशीर्वाद रुपी प्रसाद लेकर अघोरेश्वर महाप्रभु पीड़ित-उपेक्षित मानव की सेवा करने निकल पड़े I
यह कार्यक्रम हर वर्ष वृहद् रूप से प्रयागराज में पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव रामजी के सान्निध्य में श्री सर्वेश्वरी समूह शाखा प्रयाग द्वारा मनाया जाता हैI इसके अतिरिक्त देश भर में फैली समूह की सभी शाखाओं में भी यह पर्व श्रद्धा एवं भक्तिमय वातावरण में मनाया जाता हैI