NEET छात्र ने जेल में कहा- मुझे फांसी दे दो, पिता बोले- उससे पूछूंगा कि मां को क्यों मारा?
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक NEET छात्र ने अपनी मां की हत्या कर दी। जेल में बंद इस छात्र ने अधिकारियों से कहा, "मुझे फांसी दे दो, अब जीने का कोई मतलब नहीं है।
घटना का विवरण
यह घटना रीवा जिले के एक गांव की है, जहां 18 वर्षीय छात्र, जो NEET की तैयारी कर रहा था, ने अपनी मां की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मां और बेटे के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जो इस दुखद घटना का कारण बना।
पिता की प्रतिक्रिया
मृतका के पति और आरोपी के पिता ने कहा, "मैं अपने बेटे से मिलूंगा, लेकिन पहले उससे यही पूछूंगा कि आखिर उसने अपनी मां को क्यों मारा?" उनका यह बयान उनके गहरे दुख और आक्रोश को दर्शाता है।
आरोपी का पश्चाताप
जेल में बंद छात्र अपने कृत्य पर गहरा पछतावा व्यक्त कर रहा है। उसने अधिकारियों से कहा, "अब जीने का कोई मतलब नहीं है, मुझे फांसी दे दो।" यह बयान उसकी मानसिक स्थिति और आत्मग्लानि को प्रकट करता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर विचार
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों पर अत्यधिक शैक्षणिक दबाव और पारिवारिक तनाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, आवश्यक है कि परिवार और समाज मिलकर युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समय-समय पर उनकी भावनात्मक स्थिति की जांच करें।
निष्कर्ष
यह दुखद घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे शैक्षणिक दबाव और पारिवारिक तनाव मिलकर एक युवा के जीवन में त्रासदी का कारण बन सकते हैं। आवश्यक है कि हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ संवाद बनाए रखें और उनकी मानसिक स्थिति को समझने का प्रयास करें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।