बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग संकट में, 7 महीने में 140 फैक्ट्रियां बंद, 1 लाख लोग बेरोजगार
बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। बीते 7 महीनों में 140 से ज्यादा गारमेंट फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, जिससे 1 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं। देश की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण कई व्यापारी देश छोड़कर भागने को मजबूर हैं।
फैक्ट्रियां क्यों बंद हो रही हैं?
- राजनीतिक अस्थिरता – हाल ही में हुए शेख हसीना के तख्तापलट के बाद कई कंपनियों को संकट का सामना करना पड़ा है।
- बाहर जा रहे निवेशक – राजनीतिक उथल-पुथल के कारण विदेशी कंपनियां बांग्लादेश में निवेश करने से पीछे हट रही हैं।
- बढ़ती महंगाई और लागत – उत्पादन लागत में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे उद्योग चलाना मुश्किल हो गया है।
- यूरोप-अमेरिका के ऑर्डर घटे – पश्चिमी देशों की कंपनियां अब वियतनाम और भारत जैसी जगहों पर मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट कर रही हैं।
क्या कहते हैं फैक्ट्री मालिक?
बंद हो चुकी एक फैक्ट्री के मालिक ने कहा,
"हमने सरकार से मदद मांगी थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। हालात ऐसे हैं कि हमें देश छोड़ना पड़ रहा है।"
अर्थव्यवस्था पर असर
- कपड़ा उद्योग बांग्लादेश की GDP का 80% हिस्सा है।
- फैक्ट्रियां बंद होने से राजस्व में गिरावट हो रही है।
- बेरोजगारी दर बढ़ने से जनता में आक्रोश है।
भविष्य का संकट?
अगर हालात नहीं सुधरे, तो बांग्लादेश आर्थिक संकट की ओर बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने होंगे ताकि देश के कपड़ा उद्योग को बचाया जा सके।