अमेरिकी सीनेट में हूती हमले की चैट लीक पर सुनवाई: मंत्री का बयान और ट्रंप की प्रतिक्रिया
अमेरिकी सीनेट में हाल ही में यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना से संबंधित एक ग्रुप चैट लीक होने के मामले पर सुनवाई हुई। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि लीक हुई जानकारी में कोई गोपनीय या संवेदनशील सामग्री शामिल नहीं थी। उन्होंने इस लीक को 'धोखा' करार दिया और 'द अटलांटिक' पत्रिका की रिपोर्टिंग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। हेगसेथ ने जोर देकर कहा कि लीक हुई जानकारी में कोई संवेदनशील या गोपनीय सामग्री नहीं है और इसे नकली युद्ध योजनाएं बताया।
इस मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जब सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता है।" न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के पास भेज दिया। NSC के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा कि यह जांच की जा रही है कि ग्रुप में एक गलत नंबर कैसे जुड़ गया।
लीक हुई चैट में अमेरिकी युद्धक विमानों की लॉन्चिंग और बमबारी के समय से संबंधित संवेदनशील जानकारी साझा की गई थी। यह जानकारी हमले से महज दो घंटे पहले साझा की गई थी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पूर्व अधिकारियों ने चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी कि चीन लगातार अमेरिकी साइबर नेटवर्क को हैक करने की कोशिश कर रहा है, जिससे ऐसी संवेदनशील सूचनाओं का लीक होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
इस घटना ने अमेरिकी प्रशासन में सुरक्षा प्रोटोकॉल और संवेदनशील सूचनाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीनेट में इस मुद्दे पर गहन चर्चा हो रही है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।