खोराबार थाना क्षेत्र में हुई इन दो हत्याओं का हत्यारा कौन
कृपा शंकर चौधरी
गोरखपुर। सरकार द्वारा पुलिस विभाग को वह हर संभव संसाधन मुहैया कराने की बात कही जाती है जिससे किसी भी अपराध का वह खुलासा कर सकती है किंतु गोरखपुर के खोराबार थाना क्षेत्र में घटित दो हत्याओं का खुलासा लगभग 10 महीने बीतने के बाद भी नहीं हो सका है। ऐसा होने से सरकार के कथन और पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं।
मामला 20 जुलाई सन् 2024 की है । गोरखपुर देवरिया सड़क स्थित खोराबार थाना के वनस्पति माता मंदिर के सामने बेलवार जाने वाली सड़क के किनारे रात में चौरीचौरा थाना क्षेत्र के आमकोल निवासी रामबदन (50 वर्ष) के सिर पर लकड़ी की पटिया से हत्यारे द्वारा वार करके मौत के घाट उतार दिया गया था। पुलिस घटना के दुसरे दिन सुबह लकड़ी की पटिया को बरामद कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दी थी। परिवारजनों अनुसार रामबदन घर से नाराज होकर थाना क्षेत्र के अपने रिस्तेदार रायगंज हरिजन बस्ती निवासी राम कुमार के घर गये थे। बेटी के कहने पर वहां से रात में ही लौटते समय उसकी हत्या किसी ने कर दिया था। रामबदन की छोटी बेटी ने मौखिक रूप से अपने जीजा के परिवार वालो पर उस समय रामबदन की हत्या करने का आरोप लगाई थी। जबकि राजन पुत्र स्वर्गीय लोहा निवासी ब्रह्मपुर हरिजन बस्ती एवं परिवार के अन्य लोग उस दौरान
रामबदन की हत्या से पहले उनकी बड़ी बेटी की हत्या के आरोप में जेल में थे। पुलिस द्वारा इस मामले का घंटा से जांच कर कुलसी की बात कही गई थी किंतु अभी तक उनका हाथ खाली रहा है।
दूसरी घटना 3 अगस्त
सन् 2024 की है। खोराबार थाने से महज करीब 800 मीटर दूरी पर कुसम्ही जंगल में दिनदहाड़े करीब 2 बजे दिन में एक 35 वर्षीय युवक को गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। सूचना पाकर खोराबार पुलिस मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। बता दे कि युवक के ललाट के ऊपर सामने से गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। पुलिस मौके से एक खोखा कारतूस व तेल से भरी कुप्पी एवं चप्पल बरामद की थी।
मृतक युवक के शरीर पर लोवर व टीशर्ट मिला था।
जहां पर लाश मिली थी उस रास्ते से बाइक सवार जंगल के बीच होते हुए बुढ़िया माई मंदिर पर जाते थे। आशंका किया गया था कि युवक किसी बाइक सवार के साथ जा रहा था उसके माथे पर 315 बोर की तमंचा से सटाकर गोली मार दी गई और शव को छोड़कर हत्यारोपी भाग गए। फॉरेंसिक टीम ने मौके पर जांच पड़ताल कर सबूत जुटाए। जंगल के तरफ जाने वाले रास्ते पर लगे सीसीटीवी कैमरे से पड़ताल की। घटना के दौरान थानेदार नितिन श्रीवास्तव ने कहा था कि सिर में गोली मारकर हत्या की गई है। पहचान की कोशिश की जा रही है परन्तु अभी तक पहचान नहीं हो पाई।
लगभग 10 महीने बीते जाने के बाद भी पुलिस द्वारा दोनों हत्याओं के संबंध में कोई खुलासा नहीं करने से पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न उठ रहा है दूसरी तरफ पुलिस के कमजोर पकड़ को देखते हुए अपराधी तत्व के हौसले बुलंद हो सकते हैं।
मामले के संबंध में सीओ कैंट से बात करने पर उन्होंने मामले में जानकारी नहीं होने और थाने से पता करता हूं की बात कही।
कुल मिलाकर 10 महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं और इस मामले का खुलासा हो पाएगा कि नहीं भविष्य की बात है किंतु पुलिस के द्वारा मामले का खुलासा नहीं कर पाने से पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा है वहीं दूसरे तरफ सरकार के द्वारा पुलिस को संबंधित सभी सुविधा उपलब्ध कराने की बात करना हंसी की बात हो रही है।