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79वें स्वतन्त्रता दिवस पर मण्डलायुक्त ने कार्यालय पर किया ध्वजारोहण

79वें स्वतन्त्रता दिवस पर मण्डलायुक्त ने कार्यालय पर किया ध्वजारोहण

 

आज का दिन केवल स्वतन्त्रता दिवस ही नहीं बल्कि आत्मचिन्तन और आत्ममंथन का भी दिन है: मण्डलायुक्त


उपेन्द्र कुमार पांडेय 

आजमगढ़::देश के अमर शहीदों के प्रति आदर भाव रखें और उनके सपनों को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ायें।हमें जो आजादी अपने पूर्वजों से मिली है, उसके महत्व को समझें, गलत के प्रति आवाज हमेशा उठाये। विवेक ने देश के गौरवशाली इतिहास, स्वतन्त्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान की याद दिलाने वाले 79वें स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को आयुक्त कार्यालय पर ध्वजारोहण किया तथा राष्ट्रीय ध्वज का अभिवादन कर सामूहिक रूप से राष्ट्रगान किया। उन्होंने 79वें स्वतन्त्रता के उपलक्ष में कार्यालय सभागार में आयोजित स्वतन्त्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने बिना किसी भेदभाव के आपसी सहयोग और सामंजस्य से सामूहिक रूप से देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहूति देकर देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराया है। मण्डलायुक्त ने कहा कि देश को आजाद करा कर एक आत्मनिर्भर एवं विकसित राष्ट्र की स्थापना करना देश के अमर शहीदों का सपना था। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे समाज में कई कुरीतियॉं और अन्धविश्वास हैं जो उनकी आजादी में बाध्यकारी हैं। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि इन कुरीतियों और अन्धविश्वास आदि से समाज को आजाद कराने के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से आजादी की लड़ाई एक सतत् प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि छोटी से छोटी भी वह चीज जो अधिकारों में बाध्यकारी हैं उसका विरोध करना होगा। मण्डलायुक्त विवेक ने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में देश के अमर शहीदों के प्रति सदैव आदरभाव रखा जाय, उनको याद किया जाय। समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि आज का दिन केवल स्वतन्त्रता का ही दिन नहीं है, बल्कि यह आत्मचिन्तन और आत्ममंथन का भी दिन है। उन्होंने कहा कि देश के आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले हमारे पर्वूजों ने देशहित के लिए जो सपना देखा था, उसे साकार करने में हम अपना कितना योगदान दे पाये हैं, इस पर आज हमें आत्ममंथन करना जरूरी है। इसी के साथ शहीदों के सपनों को हम किस प्रकार से सकारात्मक रूप से आगे बढ़ा सकते है और देश के अन्तिम व्यक्ति को आजादी का एहसास करा सकते हैं, इस पर आत्मचिन्तन किया जाय। मण्डलायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कहा कि अपने अपने परिवार में, पास पड़ोस में, गांव मुहल्ले में स्वतन्त्रता संग्राम और वीर शहीदों के बारे में जानकारी दें ताकि आजादी के महत्व को समझा जा सके। उल्लेखनीय है कि स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर आयोजित उक्त कार्यक्रमों में मण्डलायुक्त द्वारा सपरिवार प्रतिभाग किया गया। उन्हांेने कहा कि आजादी मिलना सबसे बड़ा वरदान है और स्वतन्त्रता दिवस सबसे बड़ा पर्व है।

            इससे पूर्व मण्डलायुक्त की पत्नी प्रियंका ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्वजों के त्योग और बलिदान से हमें जो आजादी मिली है उसके महत्व को समझा जाये। श्रीमती प्रियंका ने कहा जहॉं जो भी गलत पाया जाय उसका विरोध किया जाय, उसके विरुद्ध संघर्ष किया जाय, और यह संघर्ष अपने घर से भी शुरू किया जा सकता है। गलत के प्रति आवाज हमेशा उठायें।

            कार्यक्रम का संचालन पूर्व सूचना अधिकारी रियाज़ आलम ने किया। स्वतनत्रता दिवस समारोह में स्थानीय जीजीआईसी की छात्राओं द्वारा सामूहिक रूप से ‘‘सलाम उन शहीदों को जो खो गये, वतन को जगा कर वो खुद सो गये’’ गीत प्रस्तुत किया गया, जो काफी सराहनीय रहा। इसके अतिरिक्त अपर निदेशक, अभियोजन बीपी पाण्डेय, शासकीय अधिवक्ता ओपी पाण्डेय, सहायक शासकीय अधिवक्ता अजीत सिंह व रामप्रकाश त्रिपाठी आदि ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में कार्यालय के समस्त कर्मचारी, मण्डलायुक्त के पुत्रगण अभिज्ञान आनन्द एवं सिद्धार्थ सोहम, जीजीआईसी की अध्यापिकाओं, छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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