जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव- 2019 रद्द हो सकता है। विश्वविद्यालय की शिकायत प्रकोष्ठ समिति (जीआरसी) का मानना है कि चुनाव कमेटी ने जेएनयू संविधान और सुप्रीम कोर्ट की लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन किया है। जीआरसी ने दस बिंदुओं पर उल्लंघन मानते हुए चुनाव कमेटी से 11 सितंबर को सुबह दस बजे तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
जेएनयू शिकायत प्रकोष्ठ समिति के अध्यक्ष प्रो. उमेश अशोक कदम की ओर से चुनाव कमेटी को नोटिस भेजा गया है। इसमें प्रो. कदम ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत जेएनयू छात्रसंघ चुनाव का आयोजन करवाने का आदेश दिया था, पर हर स्तर पर इसका उल्लंघन हुआ है।
छात्रसंघ चुनाव से पहले जीआरसी ने चुनाव जेएनयू संविधान से चुनाव करवाने को कहा था, लेकिन उनके आदेश का पालन नहीं हुआ। छात्रसंघ चुनाव की घोषणा से लेकर परिणाम जारी करने के दस दिनों में हर दिन नियमों को तोड़ा गया। प्रत्याशियों की फाइनल सूची जारी करने से पहले चुनाव कमेटी ने अकादमिक एरिया में जांच नहीं की।
जबकि संबंधित उम्मीदवार के स्कूल, सेंटर, लाइब्रेरी में जाकर जानकारी जुटाई जाती है। क्योंकि यदि किसी छात्र की हाजिरी कम, परीक्षा में फेल या अनुशासनात्मक कार्रवाई हो तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है। यहां तक की चुनाव कमेटी चीफ प्रॉक्टर कार्यालय से अनुमति तक नहीं ली थी।
चुनाव कमेटी के इन्हीं नियमों का उल्लंघन करने के चलते स्कूल काउंसिलर चुनाव में एक पद पर पार्ट टाइम पढ़ाई करने वाले छात्र को प्रत्याशी बना दिया गया। जीआरसी अध्यक्ष प्रो. कदम ने लिखा है कि चुनाव के तहत कमेटी ने जो भी कैंपस में बैठक आयोजित की, उसकी अनुमति तक नहीं ली गई है।
जीआरसी को पोलिंग बूथ में जाने से रोका पर बाहरी छात्र अंदर थे
प्रो. कदम ने अपने नोटिस में लिखा है कि चुनाव कमेटी ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत जीसरसी के सदस्यों को पोलिंग बूथ में बैठने से रोका। जबकि मतदान के दिन पोलिंग बूथ से लेकर मतगणना वाले दिन बाहरी छात्र अंदर बैठे हुए थे। बाहरी छात्र बैलेट बॉक्स को अपने कब्जे में कर रखे थे। जबकि जीआसी ने पोलिंग और मतगणना केंद्र का निरीक्षण करना चाहा तो उसे रोक दिया गया।
पूर्व छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय से नोटिस को वापस लेने की रखी मांग
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने जीआरसी के चुनाव कमेटी को भेजे नोटिस पर आपत्ति जताई है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि समिति विश्वविद्यालय चुनाव में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। छात्रसंघ ने चुनाव कमेटी को भेजे नोटिस को वापस लेने की मांग की है।
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