कुख्यात अपराधी और यूपी मोस्ट वांटेड विकास दुबे उर्फ विकास पंडित का घर किले से कम नहीं है। शातिर दिमाग होने के कारण विकास पंडित का घर ऐसा बना है कि उसमें लगे तीन बड़े दरवाजे तीन दिशाओं में खुलते हैं। छत पर जाने के लिए दो जीना हैं। सभी द्वार पर दो-दो सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं
इसके अलावा ऊंची-ऊंची चाहरदीवारी से कोई न आ सके लिए लिए कटीले तारों की बैरीकेटिंग भी की गई है। घर के भीतर कोई देख नहीं सकता है। लेकिन छतों से पूरे गांव को देखा जा सकता है। गुरुवार रात करीब एक बजे पुलिस की टीम विकास के घर के पास पहुंची तो घर से कुछ दूर रास्ते में जेसीबी को लगाकर रास्ता रोका गया था।
इसलिए पुलिस अपनी गाड़ी से मौके तक नहीं पहुंच सकी। विकास और उसके साथी लाठी-डंडा और असलहे लेकर खड़े थे। जब पुलिस टीम घर की तरफ पैदल बढ़ी तो पुलिस से उनकी झड़प हो गई। उसके बाद पुलिस के असलहों को छीनकर उन पर फायर कर दिया गया। विकास दुबे के साथ घटना के समय कितने लोग थे इसकी कोई जानकारी नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस के अधिकारी दबी जुबान में अधिकांश गांव के लोगों के होने की बात कह रहे हैं।
छतों से पुलिस कर्मियों पर तड़ातड़ फायरिंग हुई
पुलिस अधिकारियों जहां पूरे दिन दबिश देने गई पुलिस टीम और विकास पंडित गैंग के लोगों में मुठभेड़ की बात कहते रहे वहीं सूत्रों फारेंसिक टीम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विकास पंडित व उसके गुर्गों ने कई पुलिस अधिकारियों को काफी पास से सिर, छाती, पैर में कई राउंड गोली मारकर मौत के घाट उतारा है।
और तो और विकास पंडित ने अपने साथियों को पहले ही पूरा प्लान बनाकर अपने घर और उसके आसपास के मकानों की छतों पर तैनात कर दिया था। जब पुलिस टीम के लोग मौके से भागे तब छतों से भी कई राउंड गोली चलीं। जिसमें सीओ बिल्हौर, एसओ शिवराजपुर, दो दारोगा और चार सिपाही शहीद हो गए।
वारदात के समय करीब 70 से ज्यादा राउंड गोलियां चली हैं। लेकिन गांव वाले कुछ बोलने को तैयार नहीं है। विकास के घर के आसपास 100 मीटर की दूरी तक खून के धब्बे पड़े हुए हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि उन्होंने कुछ नहीं देखा है। सिर्फ फायरिंग की आवाज सुनी है
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