जिला संवादाता अरविन्द शर्मा
भारत परंपराओं का देश कहा जाता है। इस परंपरा को जानकर आप भी
आश्चर्य में पड़ जाएंगे। जिले की रसूलाबाद तहसील के शंकरपुर गांव की बात है।
पूरी रात गांव की महिलाएं व पुरुष घरों से निकलकर खेंतो की तरफ पहुंचे।
बिना बारिश के ही महिलाओं ने खेतों में हल चलाया और पुरुष खड़े रहे। इसके
बाद पुरुष व ग्रामीण महिलाओं ने सुबह होते ही दरवाजे दरवाजे जाकर भोजन
(लेदा) मांगा। इसके बाद लोगों ने अपने चबूतरों व गांव के परिसर में पानी
फैलाकर उसमें लोटना शुरू किया। ये और कुछ नही सिर्फ इंद्रदेव को मनाने की
परंपरा है। दरअसल वर्षा ऋतु होने के बावजूद गांव में सूखा पड़ा होने के चलते
किसान खेतों में बुवाई नही कर पा रहे हैं। साथ ही गांव के नलों में पानी
भी सूख गया है। लोग त्राहि माम कर उठे हैं। लोगों की मान्यता है कि इस
परंपरा को अपनाने से इंद्रदेव खुश होकर वर्षा करेंगे। इससे खेतों में फसल
होने के साथ नलों में पानी व तालाब जलमग्न होंगे। इससे गांव हरा भरा
दिखेगा। गांव की महिलाओं का कहना है कि यह परंपरा उनके बुजुर्गों से चली आ
रही है।
घर घर जाकर मांगी भिक्षा(लेदा)
ये
सच है कि वर्ष भर लोग सावन के माह का इंतजार करते हैं। क्योंकि सुकून देने
वाले इस माह का बड़ा ही महत्व होता है। वर्षा के साथ पानी की फुहारें लोगों
को आनंदित कर देती हैं, लेकिन रसूलाबाद क्षेत्र के एक गांव में सूखे से
आजिज ग्रामीण इस सुकून को तरस रहे हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने एक अनोखी
प्रथा को अपनाया। बारिश न होने से परेशान किसानों ने इंद्रदेव को मनाने के
लिए अदभुद ढंग से पूजा प्रार्थना की। इसके लिए उन्होंने गांव गांव में
प्रत्येक घर जाकर भिक्षा (लेदा) मांगी। इसके बाद करीब 3 घंटे तक कीचड़ में
ही ग्रामीण लेटे रहे और सुबह से लेकर रात तक लेदा मांगा।
महिलाओं ने खेतों में चलाया हल
वहीं
महिलाओं ने स्वयं हल खींचकर खेतों की जुताई भी की। ग्रामीणों ने बताया कि
हमारी पारंपारिक मान्यता है कि जब गांव में बारिश न हो और लोग सूखे से
परेशान हो तो ऐसे में इन्द्रदेव को मनाने के लिए इस प्रकार का जतन करते
हैं। मान्यता है कि लेदा इसलिए मांगा जाता है कि अकाल में इसी तरह लोग
मांगकर खाते हैं, इससे इंद्रदेव खुश होकर कृपा करेंगे। पूर्व में कई बार
इंद्रदेव को मनाने के लिए इस प्रकार के जतन किए गए और उसके बाद खूब बारिश
हुई। जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे थे। उन्होंने कहा कि हमें पूरा
विश्वास है कि हम लोगों पर इंद्रदेव कृपा करेंगे और घनघोर बारिश होगी।
जिसके बाद हमारी फसलें लहलहाएंगी और सूखे तालाबों, कुओं में पानी लबालब भर
जाएगा।
No comments:
Post a comment
तहकीकात डिजिटल मीडिया को भारत के ग्रामीण एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में समाज के अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए निर्माण किया गया है ,जिसके माध्यम से समाज के शोषित ,वंचित ,गरीब,पिछड़े लोगों के साथ किसान ,व्यापारी ,प्रतिनिधि ,प्रतिभावान व्यक्तियों एवं विदेश में रह रहे लोगों को ग्राम पंचायत की कालम के माध्यम से एक साथ जोड़कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया जायेगा एवं उनकी आवाज को बुलंद किया जायेगा।