न्यूज़ डेस्क तहकीकात लखनऊ
भारतीय वायुसेना ने 17500 फुट की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया था, जिसे देखकर चीन समेत पूरी दुनिया चौंक गई। एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना था, जानिए क्या 1962 में भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल चल रहा था। एक और जहां चीन भारत पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा था, वहीं भारतीय सेनाएं चीन बॉर्डर पर उस दबाव का जवाब अपने पराक्रम के बूते देने में जुटी थी। चीन बॉर्डर पर थल सेना की एक्सरसाइज चल रही थी। वायुसेना भी बॉर्डर के नजदीक कुछ ऐसे ऑपरेशन कर रही थी, जिससे चीन को भारत की ताकत का अहसास होइसी बीच भारतीय वायुसेना ने चीन बॉर्डर से करीब 8-9 किलोमीटर दूर सबसे बड़ा गोपनीय ऑपरेशन करके दुनिया समेत चीन को भी चौंका दिया। वायुसेना ने लद्दाख काराकोरम रेंज के सबसे ठंडे मरूस्थलीय क्षेत्र में स्थित दौलत बेग ओल्दी (डीबीओ) हवाई पट्टी पर जवानों की फौज उतार दी। यह एयरफोर्स का पहला ट्रांसपोर्ट ऑपरेशन था, जो 17500 फुट की ऊंचाई पर स्थित डीबीओ हवाई पट्टी पर किया गया था। एयरफोर्स ने इस ऑपरेशन ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया,
जो गिनीज बुक में दर्ज हुआ32 जवानों के साथ उतरा था ‘सी-119 जी’ एयरक्राफ्ट इस गोपनीय ऑपरेशन के तहत इंडियन एयरफोर्स के सी-119 एयरक्राफ्ट ने कुटचा रनवे से 32 जवानों के साथ उड़ान भरी और वह पूरी विस्फोटक शक्ति के साथ डीबीओ हवाई पट्टी पर उतर गया। जवानों ने एयरक्राफ्ट से उतरने के बाद मोर्चा भी संभाल लिया। यह डीबीओ हवाई पट्टी दक्षिणी चीन बॉर्डर से सिर्फ 8 किलोमीटर और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर है। एयरफोर्स के इस ऑपरेशन को देखकर चीन भी हैरत में पड़ गया था।ऑपरेशन के 57 बरस पूरे, पराक्रम से जनता होगी रूबरू यह ऑपरेशन 23 जुलाई 1962 को एयर मार्शल सीकेएस राजे (तब स्क्वाड्रन लीडर) के नेतृत्व में पूरा किया गया था। अब इस ऑपरेशन को 57 साल पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर वायुसेना ने इस पराक्रम से जनता को रूबरू करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए सोशल मीडिया पर इस ऑपरेशन की कहानी को दुर्लभ फोटो के साथ अपलोड किया गया है, ताकि इसे अधिक से अधिक लोग इस पराक्रम को जान सके।
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