कैलाश सिंह विकास वाराणसी
प्रतिवर्ष 21 सितम्बर को मनाया जाता है विश्व अल्जाइमर्स और डिमेंशिया दिवस
अल्जाइमर से जागरूकता और सजगता ही है एकमात्र विकल्प – जिलाधिकारी
वाराणसी, 20 सितंबर 2020
जिलाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री कौशल राज शर्मा ने विश्व अल्जाइमर्स और डिमेंसिया दिवस ( 21 सितम्बर ) पर जनपद के समस्त वरिष्ठ नागरिकों एवं वृद्धजनों से अल्जाइमर्स और डिमेंशिया जैसी बीमारी से बचाव के बारे में अपील करते हुए कहा है कि वर्तमान में उन्हें विशेष रूप से सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने यह भी अपील की है कि अपने घर परिवार के दिव्यजनों का विशेष ध्यान रखें उन्हें तनाव से दूर रखें तथा यदि दिव्यजनों में कमजोर याददाश्त के लक्षण प्रारम्भ होते हैं तो देर न करते हुये तुरंत उन्हें चिकित्सीय परामर्श दिलायें। जिलाधिकारी ने कोरोना काल में दिव्यजनों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया है। अल्जाइमर्स और डिमेंशिया बीमारी के बारे में सही-सही जानकारी होना आवश्यक है ताकि समय से सचेत होकर इस बीमारी से बचाव किया जा सके। डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होती जाती है। देश में बड़ी तादाद में लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस घातक बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह 21 से 27 सितंबर तक मनाया जायेगा। अल्ज़ाइमर्स दिवस मनाने का उद्देश्य अल्जाइमर्स और डिमेंशिया के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत नेशनल प्रोग्राम फॉर द हैल्थ केयर ऑफ एल्डर्ली (एनपीएचसीई) संचालित किया जा रहा है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों/वृद्धजनों के समुचित उपचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत कबीरचौरा स्थित श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय जिला चिकित्साल (एसएसपीजी) में अलग से विशेषज्ञ चिकित्सक एवं स्टाफ की तैनाती करते हुये ओपीडी एवं इन्डोर की सेवाएँ प्रारम्भ की गई हैं जहां वृद्धजनों को अलग से उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वृद्धजनों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी समुचित परामर्श के लिए मानसिक चिकित्सकों एवं स्टाफ की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यदि आस-पास के लोगों में अल्जाईमर के लक्षण पाये जाएँ तो उनको एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौरा के कमरा न0 10 में मानसिक रोगी और कमरा न0 7 में वृद्धजनों के लिए परामर्श ले सकते हैं। समय–समय पर वृद्धजनों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के परीक्षण एवं उपचार हेतु विशेष शिविर भी लगाए जाते हैं तथा नि:शुल्क दवाएं भी दी जाती हैं।
नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पीपी गुप्ता ने बताया कि अल्जाइमर्स और डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत जन जागरूकता हेतु संगोष्ठी,शिविर एवं हस्ताक्षर अभियान इत्यादि संचालित किए जायेंगे। उन्होने डिमेंशिया के लक्षण एवं उपाय के बारे में भी बताया -
क्या होते हैं लक्षण
डिमेंशिया अक्सर वृद्धों में देखने को मिलती है। इसके कारण ही अल्ज़ाइमर्स बीमारी होती है जिसमें याददाश्त कमजोर हो जाती है व हर बात भूलने की आदत पड़ जाती है। बात-चीत करने में असमर्थता होती है तथा प्रतिक्रिया देने में विलम्ब होता है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल व सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, एनीमिया व कुपोषण के साथ नशे की लत लगने से भी डिमेंशिया होने की संभावना रहती है। शुरू में अगर इसका पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है।
बचाव के उपाय
बीमारी से बचने का सबसे आसान व कारगर तरीका यही है कि वृद्धावस्था में अपने दिमाग को पढ़ने, दिमागी खेल, संगीत, हेल्दी लाइफ स्टाइल और शारीरिक रूप से अपने को फिट रखने के लिए नियमित व्यायाम करें। धूम्रपान व शराब का सेवन करने से बचें। डायबिटीज़ तथा कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें। इसके साथ ही संतुलित आहार लें और भोजन नियत समय पर ही करें। दिनचर्या अनियमित होने से इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा वृद्ध लोगों को अपने दिमाग को हमेशा व्यस्त रखना चाहिए, या तो किसी भी खेल या फिर आपस में किसी भी विषय पर बात करने में।
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