पुनीत मिश्रा फर्रूखाबाद
अपने को जिन्दा साबित करने के लिए दर दर की ठोखरे खाने को मजबूर
फरुखाबाद। सर मैं जिंदा हूं कलेक्टर साहब मैं जिंदा हूं मुझे अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है यह कहना मेरा नहीं यह कहना है कायमगंज कोतवाली के गांव गुलाबचा नगर मजरा ग्राम पंचायत मझोला का के रहने वाले मेहरबान सिंह का। मेहरबान सिंह कई बार अधिकारियों और तहसील दिवस में अपनी फरियाद लगा चुके है। लेकिन अपने को जिन्दा साबित करने के लिए दर दर की ठोखरे खाने को मजबूर हो रहे है।
ऐसा ही एक अजीबोगरीब सनसनीखेज मामला आज उस समय सामने आया। जब तहसील ब विकासखंड कायमगंज के गांव गुलबाजनगर मजरा व ग्राम पंचायत मझोला निवासी मेहरबानसिंह पुत्र मनोहरलाल, ने एक शिकायती पत्र तहसील दिवस से लेकर उप जिलाधिकारी कायमगंज जिलाधिकारी तक शिकायत की ।उसने कहा कि उसकी ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायत सचिव ने मुझे जीवित होते हुए भी परिवार रजिस्टर में मृत दर्शा कर उसके जीवन के सारे अधिकारों को समाप्त करने का कुचक्र रच दिया है। पीड़ित ने गुहार लगाते हुए कहा कि साहब मैं जिंदा हूं इसलिए मेरे प्रकरण को संज्ञान में लेकर मुझे परिवार रजिस्टर में की गई गलती को सुधार कर जीवित दर्ज कराया जाए।
इसे अधिकारियो का लालच कहे या लिपिकीय त्रुटि से अथवा किसी अन्य कारण से जो भी हो , किंतु ग्राम पंचायत सचिव ने जीवित व्यक्ति के साथ अभिलेखों में हेरा फेरी कर एक अजीब सा कारनामा कर दिखाया। एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर देना, उस व्यक्ति के साथ कितनी बड़ी नाइंसाफी कही जा सकती है। जो जीवित होते हुए मृत घोषित होने की वजह से अपने को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाता फिरे, इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है।
इसे अधिकारियो का लालच कहे या लिपिकीय त्रुटि से अथवा किसी अन्य कारण से जो भी हो , किंतु ग्राम पंचायत सचिव ने जीवित व्यक्ति के साथ अभिलेखों में हेरा फेरी कर एक अजीब सा कारनामा कर दिखाया। एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर देना, उस व्यक्ति के साथ कितनी बड़ी नाइंसाफी कही जा सकती है। जो जीवित होते हुए मृत घोषित होने की वजह से अपने को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाता फिरे, इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है।
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